अरे भैया, आज हम बात करेंगे जोड़े के कपड़े (कपड़ा युगल) के बारे में। अब देखो, शादी-ब्याह का मामला है, तो सब एकदम टिप-टॉप दिखना चाहते हैं। दूल्हा-दुल्हन तो खैर, सजेंगे ही, पर आजकल तो सब बाराती भी एकदम हीरो-हिरोइन बनके आते हैं।
अब कपड़े (कपड़ा) खरीदने की बात करें तो, दिल्ली में तो कई सारे बाज़ार हैं। सरोजिनी नगर, चांदनी चौक, चावड़ी बाजार, ये सब तो सुने ही होंगे। अब देखो, सरोजिनी नगर में तो तुम्हें एकदम सस्ते में बढ़िया माल मिल जाएगा। पर हां, थोड़ा ढूंढना पड़ेगा। और चांदनी चौक तो भैया, क्या कहने! वहां तो लहंगे-साड़ी की इतनी वरायटी मिलेगी कि तुम देखते-देखते थक जाओगे।
अब शादी है, तो सिर्फ कपड़े (कपड़ा) थोड़े ना खरीदने हैं। दुल्हन के लिए तो बहुत कुछ लेना पड़ता है। गहने (आभूषण), चूड़ियां, झुमके, हार, सब कुछ। और फिर वो पर्स, सैंडल, घड़ी, बेल्ट, ये सब भी तो चाहिए ना। अरे हां, शादी के कार्ड! वो भी तो छपवाने हैं। चावड़ी बाजार जाओ, वहां सस्ते में बढ़िया कार्ड छपवा लो। 500 रुपये में तो बहुत सारे छप जाएंगे।

- कपड़े (कपड़ा युगल)
- शादी के कपड़े
- दिल्ली के बाजार
- सरोजिनी नगर
- चांदनी चौक
- सस्ते कपड़े
- गहने (आभूषण)
- शादी के कार्ड
और हां, मुंबई में भी दादर और बांद्रा में बढ़िया बाज़ार हैं। वहां भी तुम अपने बजट में अच्छी चीजें खरीद सकते हो। अब देखो, शादी की खरीदारी कोई आसान काम तो है नहीं। बहुत भाग-दौड़ करनी पड़ती है। एक तो हर चीज़ एकदम बढ़िया चाहिए, ऊपर से दाम भी कम हों। और हां, आजकल तो सब लोग पारंपरिक कपड़े पहनना चाहते हैं। वो लहंगा-चोली, साड़ी, ये सब तो सदाबहार हैं।
दुल्हन के लिए तो भैया, पूरी लिस्ट बनानी पड़ती है। ससुराल में क्या-क्या चाहिए होगा, सब पहले से ही सोच के रखो। कपड़े (कपड़ा), गहने (आभूषण), मेकअप का सामान, सब कुछ। और हां, दूल्हे के लिए भी शेरवानी, कुर्ता-पजामा, ये सब तो लेना ही है। आजकल तो दूल्हे भी कम थोड़ी ना हैं। वो भी पूरा सज-धज के आते हैं।
अब देखो, एक बात और बताऊं। शादी में सिर्फ दूल्हा-दुल्हन ही थोड़ी ना सजते हैं। आजकल तो उनके घरवाले, रिश्तेदार, सब एकदम बन-ठन के आते हैं। सबके कपड़े (कपड़ा युगल) एक जैसे हों, तो और भी बढ़िया लगता है। सब लोग एक ही रंग के कपड़े पहन लें, या फिर एक जैसा कुछ डिजाइन बनवा लें। देखने में बहुत अच्छा लगता है।
अब जैसे, दुल्हन की सहेलियां हैं। वो सब एक जैसी साड़ी पहन लें, या फिर एक जैसा लहंगा। या फिर दूल्हे के दोस्त हैं, वो सब एक जैसा कुर्ता पहन लें। आजकल तो ये सब बहुत चलन में है। अब देखो, शादी का मौका तो बार-बार आता नहीं है। तो क्यों ना अच्छे से तैयारी की जाए? सब लोग अच्छे-अच्छे कपड़े (कपड़ा युगल) पहनें, सजें-धजें, और खूब मजे करें।
और हां, एक बात और। कपड़े (कपड़ा) खरीदते समय थोड़ा ध्यान रखना। जल्दबाजी में कोई भी चीज मत उठा लेना। अच्छे से देख-परख कर, सोच-समझ कर ही खरीदना। और हां, मोल-भाव करना मत भूलना। दुकानदार तो भैया, लूटने को बैठे रहते हैं। थोड़ा सा मोल-भाव करोगे, तो कुछ पैसे बच जाएंगे।
तो बस, यही सब बातें थीं। शादी के कपड़े (कपड़ा युगल) खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखना। और हां, शादी की खूब सारी शुभकामनाएं! खुश रहो, आबाद रहो, और खूब मजे करो!

अब देखो, शादी में सिर्फ कपड़े (कपड़ा युगल) ही तो सब कुछ नहीं होते। और भी बहुत सारी चीजें होती हैं। जैसे कि खाना-पीना, गाना-बजाना, नाच-गाना, ये सब भी तो जरूरी है ना। शादी में अगर ये सब ना हो, तो मजा ही क्या है? अब खाने की बात करें, तो आजकल तो शादी में तरह-तरह के पकवान बनते हैं। चाट-पकौड़ी, मिठाई, सब कुछ। और हां, आजकल तो शादी में डीजे भी बजता है। सब लोग खूब नाचते-गाते हैं, मजे करते हैं।
शादी का मौका है, तो सब लोग खुश होते हैं। नए-नए रिश्ते बनते हैं, नए-नए दोस्त बनते हैं। सब लोग मिलकर खुशियां मनाते हैं। और हां, शादी में जो सबसे जरूरी चीज होती है, वो है प्यार। दूल्हा-दुल्हन का प्यार, परिवार का प्यार, दोस्तों का प्यार। यही प्यार तो शादी को खास बनाता है।
तो बस, यही सब बातें थीं। अब मैं चलती हूं। फिर मिलेंगे किसी और दिन, किसी और मुद्दे पर बात करेंगे। तब तक के लिए, खुश रहो, आबाद रहो, और हां, शादी के कपड़े (कपड़ा युगल) ध्यान से खरीदना!