अरे, आज मैं तुम्हें एक मस्त चीज के बारे में बताऊंगी, समझे? इसका नाम है सुपर नेपियर। ये एक तरह की घास है, एकदम बढ़िया।
हमारे गांव में तो जानवरों को खिलाने के लिए हरा चारा ढूंढना बड़ा मुश्किल होता था। फिर किसी ने बताया इस सुपर नेपियर घास के बारे में। ये क्या है, कैसे उगती है, सब बताती हूं।
- ये घास बहुत जल्दी उगती है, एकदम फटाफट।
- जानवरों को भी बड़ी पसंद है ये।
- एक बार लगा दो, तो सालों साल चलती है।
- इसको उगाने में ज्यादा खर्चा भी नहीं है।
पहले तो हमें यकीन नहीं हुआ, हमने सोचा ऐसी कौन सी घास है भाई? फिर हमने थोड़ी सी जमीन में इसको लगाकर देखा। अरे, ये तो कमाल की चीज निकली। कुछ ही दिन में लहलहाने लगी। और फिर हमने अपने सारे जानवरों को यही खिलाना शुरू कर दिया।

अब देखो, इस सुपर नेपियर के बारे में कुछ जरूरी बातें बताती हूं। इसको लगाने का सबसे बढ़िया समय होता है बारिश का मौसम। जब बारिश शुरू हो जाए, तब इसको लगा दो। जमीन थोड़ी सी नरम होनी चाहिए, ज्यादा सख्त नहीं। और हां, इसको पानी भी अच्छा खासा चाहिए होता है।
इसको लगाने के लिए बीज भी मिलते हैं और इसकी कलम भी लगा सकते हो। कलम लगाना ज्यादा आसान होता है। बस एक कलम लो, उसको जमीन में गाड़ दो, और थोड़ा पानी डाल दो। कुछ दिन में उसमें से नई पत्तियां निकलने लगेंगी।
एक बार ये घास लग जाए, फिर तो समझो मजे ही मजे हैं। इसको बार-बार लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। एक बार लगाओ, और कई साल तक हरा चारा पाओ। बस बीच-बीच में थोड़ा-बहुत खाद पानी डालते रहना।
हमारे गांव में तो अब सब लोग यही घास लगाते हैं। पहले जो लोग हरा चारा खरीदने के लिए शहर जाते थे, अब वो सब अपने खेत में ही उगा लेते हैं। इससे पैसे भी बचते हैं और जानवरों को ताजा चारा भी मिल जाता है।
इस घास की एक और खास बात बताती हूं। इसमें बहुत ताकत होती है। इसको खाने से जानवर तंदुरुस्त रहते हैं और दूध भी ज्यादा देते हैं। हमारे यहां तो गाय भैंसों ने दूध देना दोगुना कर दिया, जब से ये घास खाने लगीं।
पहले तो हम लोग सोचते थे कि ये सब बातें बेकार की हैं। लेकिन जब खुद आजमाकर देखा, तब पता चला कि ये सुपर नेपियर तो सच में कमाल की चीज है। अब तो हम सबको यही सलाह देते हैं कि अपने जानवरों को यही घास खिलाओ।

इसको उगाने में ज्यादा मेहनत भी नहीं लगती। बस थोड़ा सा ध्यान रखना पड़ता है। जैसे कि जब घास थोड़ी बड़ी हो जाए, तो उसको काटते रहना चाहिए। इससे वो और घनी हो जाती है। और हां, जानवरों को खिलाने से पहले उसको थोड़ा धो लेना चाहिए, ताकि धूल मिट्टी निकल जाए।
अब तो हमारे गांव के आसपास के गांवों में भी लोग ये घास लगाने लगे हैं। सब कहते हैं कि ये घास बहुत बढ़िया है। इससे जानवरों का पेट भी भरता है और जेब भी हल्की नहीं होती।
इस घास के बारे में और भी बहुत सी बातें हैं, लेकिन अभी के लिए इतना ही काफी है। अगर तुम लोग भी अपने जानवरों के लिए हरा चारा ढूंढ रहे हो, तो इस सुपर नेपियर को जरूर आजमाकर देखना। ये तुम्हें निराश नहीं करेगी, ये मेरा वादा है।
अब देखो, ये घास इतनी अच्छी है, तो इसको लगाना भी तो आना चाहिए ना? तो सुनो, इसको लगाने के लिए सबसे पहले जमीन को अच्छे से तैयार कर लो। मतलब, उसमें से कंकर पत्थर सब निकाल दो और उसको थोड़ा नरम बना लो। फिर उसमें गोबर की खाद डाल दो। गोबर की खाद समझते हो ना? गाय भैंस का जो गोबर होता है, उसको सुखाकर खाद बनाते हैं। वो वाली खाद।
फिर क्या, उसमें बीज बो दो या कलम लगा दो। बीज बोना है तो थोड़ा-थोड़ा दूरी पर बोना, ताकि घास को अच्छे से फैलने की जगह मिले। और अगर कलम लगानी है, तो एक कलम को दूसरी कलम से थोड़ा दूर लगाना।
बस, फिर पानी देते रहो और देखते रहो। कुछ ही दिन में तुम्हारी घास लहलहाने लगेगी। और हां, जब घास थोड़ी बड़ी हो जाए, तो उसको जानवरों को खिलाने से पहले काट लेना। इससे वो जल्दी-जल्दी बढ़ेगी।

और सुनो, एक और बात। इस घास को ज्यादा धूप की जरूरत नहीं होती। मतलब, अगर तुम्हारे खेत में थोड़ी छाया भी रहती है, तो भी ये घास अच्छे से उगेगी।
तो, ये थी सुपर नेपियर के बारे में कुछ मोटी-मोटी बातें। मुझे उम्मीद है कि तुम लोगों को ये सब समझ में आ गया होगा। अगर नहीं आया, तो फिर से पूछ लेना, मैं बता दूंगी।
सुपर नेपियर घास, सच में बहुत अच्छी है, इसे लगाने से जानवरों को अच्छा खाना मिलता है। और ये कम पैसों में उग जाती है।
और ये जो दूसरी घास होती है ना, जैसे वो नींबू घास, वो भी अच्छी होती है, पर जानवरों के खाने के लिए ये सुपर नेपियर ज्यादा अच्छी है। नींबू घास से तो दवाई बनती है।
बस ये सुपर नेपियर लगाओ और जानवरों को खिलाओ, देखना सब खुश रहेंगे।