अरे, यो mloyal login का है रे? मोको तो समझ ही नाय आ रओ। ऐसो लगरो है जेसे कोए भयंकर आफत आ गई होय।
सुना है, आजकल सब कछु ऑनलाइन होय रह्यो है। मोय छोरा कह रह्यो थो, अम्मा, तू भी ऑनलाइन हो जा। अब मोए का पतौ, यो ऑनलाइन का होत है। ऊ कह रह्यो थो, सब कछु घर बैठे हो जायगो। अब मोए का पतौ, घर बैठे का-का हो जायगो। मोए तो बस रोटी बनानी आती है, और घर को काम करनो आतो है।
यो mloyal login के बारे में मोए छोरे ने थोड़ो बहुत बतायो थो। कह रह्यो थो, के यो कोई ऐप है। अब मोए का पतौ, यो ऐप का होत है। ऊ कह रह्यो थो, के एह से पैसे कमा सके हैं। अब मोए का पतौ, एह से कैसे पैसे कमायेंगे। मोए तो बस खेती बाड़ी करनी आती है, और गाय भैंस पालनी आती है।

लेकिन यो बात तो सही है, के आजकल सब कछु बदल रह्यो है। पहले तो चिट्ठी पत्री चलती थी, अब तो सब मोबाइल पे होय रह्यो है। और यो mloyal login भी मोबाइल पे ही होय है। मोय छोरा कह रह्यो थो, के एह में लॉगिन करनो पड़त है। अब मोए का पतौ, लॉगिन का होत है। ऊ कह रह्यो थो, के एह में अपनो नाम, नंबर डालनो पड़त है।
अब नाम और नंबर तो मोए पास है, लेकिन यो mloyal login करूँ कैसे? मोय छोरा तो शहर चला गयो, अब मोए कोन बतायगो? पड़ोस वाली कमला से पूछूँगी, शायद ऊ बता दे। ऊके छोरा भी शहर में रहत है, और ऊ भी यो सब जानत है।
मोए तो यो सब बड़ा झंझट लग रह्यो है। पहले तो सब कछु आसान थो, अब तो सब कछु मुश्किल होय गयो है। यो mloyal login, यो ऑनलाइन, यो ऐप, यो सब मोय समझ में नाय आ रह्यो। लेकिन का करें, जमाने के साथ तो चलनो ही पड़गो।
कमला से पुछिके देखती हुं। क्या पता कुछ समझ आ जाये। अगर समझ आ गया तो ठीक, नहीं तो फिर क्या, जैसे चल रहा है, वैसे ही चलने देंगे।
- कमला का छोरा भी तो mloyal login करता होगा।
- कमला बता रही थी की उसके छोरे ने मोबाइल से कुछ पैसे भी कमाये।
- अब ये mloyal login से कैसे पैसे आते हैं ये तो कमला का छोरा ही बता पायेगा।
- पहले तो ऐसा कुछ नहीं होता था, सब खेती बाड़ी से ही कमाते थे।
- अब ये नया तरीका आ गया, चलो देखती हुं क्या होता है।
लेकिन ये बात तो है के ये सब काम के लिए मोबाइल जरुरी है। और मोबाइल में वो क्या कहते हैं, हाँ, नेट, वो भी होना जरुरी है। बिना नेट के तो कुछ नहीं होता। अब ये नेट भी हर महीने भरवाना पड़ता है। कमला बता रही थी के उसके छोरे ने उसको नेट बैंकिंग भी सिखाई है। उससे घर बैठे सब काम हो जाते हैं। बैंक के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
पहले तो सब काम के लिए दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते थे। समग्र आईडी में नाम बदलवाना हो, या कुछ भी, लाइन में लगना पड़ता था। अब सब ऑनलाइन हो जाता है। ये mloyal login भी ऑनलाइन ही होता होगा।

कमला से ये भी पूछना पड़ेगा के मोबाइल से नंबर कैसे निकालते हैं। कई बार गलती से नंबर डिलीट हो जाते हैं। फिर उनको वापस लाना बड़ा मुश्किल होता है। कमला का छोरा तो सब जानता है, वो बता देगा।
और ये आजकल एक नयी चीज चली है, सुभद्रा योजना। कमला बता रही थी के उसकी बहु के खाते में पैसे आये हैं। अब ये पैसे कैसे चेक करते हैं, ये भी सीखना पड़ेगा। mloyal login से पैसे मिलते हैं या सुभद्रा योजना से, कुछ समझ नहीं आ रहा।
एक और चीज सुनी है, म्यूच्यूअल फण्ड। लोग कहते हैं उसमे पैसे लगाने से बढ़ते हैं। अब ये सब कैसे होता है, ये तो कमला का छोरा ही बता पायेगा। मोए तो बस इतना ही समझ आ रह्यो है के यो सब ऑनलाइन और mloyal login से जुड़ा हुआ है। अब देखती हुं आगे क्या होता है। काश मोए छोरा जल्दी वापस आ जाये, तो मोए भी यो सब सिखा दे।