अरे भाई, ये loyal world classic का मतलब क्या है? ई तो हमरी समझ के बाहर है। हाँ, ई सुना है कि loyal मतलब होता है पक्का वाला, एकदम सच्चा, दगा न करने वाला। World मतलब तो दुनिया होती है, ये तो सब जानते हैं। और ई classic? Classic मतलब पुराना, जैसे अपनी पुरानी हवेली, या अपनी दादी के ज़माने का गीत। तो क्या ई loyal world classic का मतलब हुआ पुरानी दुनिया का सच्चा साथ?
आजकल के जमाने में सच्चा साथ कहाँ मिलता है, बताओ तो? सब मतलब के यार हैं। मतलब निकला तो रास्ता नाप लिया। अरे, हम तो देखते हैं, आजकल लोग अपने माँ-बाप तक को भूल जाते हैं। पैसा, गाड़ी, बंगला, सब मिल जाए तो रिश्ते-नाते सब बेकार। ई loyal शब्द तो जैसे डिक्शनरी से गायब ही हो गया है।
- पहले के ज़माने में लोग एक-दूसरे के लिए जान तक दे देते थे। दोस्ती, यारी, रिश्तेदारी, सब पक्की होती थी।
- एक बार ज़ुबान दे दी तो दे दी, फिर पीछे नहीं हटते थे। चाहे कुछ भी हो जाए।
- लोग एक-दूसरे का दुख-दर्द समझते थे, मुसीबत में काम आते थे।
- आजकल तो ऐसा कुछ नहीं रहा। सब अपने में मस्त हैं।
सुना है, आजकल बच्चे सब ऑटिज़्म नाम की बीमारी से परेशान हैं। हर 160 बच्चों में से एक को ये बीमारी होती है, ऐसा वर्ल्ड हेल्थ वाले बताते हैं। अरे, ये वर्ल्ड हेल्थ वाले कौन हैं? ये वही हैं जो बताते हैं कि क्या खाना चाहिए, कैसे रहना चाहिए, ताकि बीमारी न हो। पर आजकल तो बीमारी ही इतनी बढ़ गयी है, कि क्या कहें?

पहले ज़माने में लोग कितना सच्चा रहते थे, ये तो सब जानते हैं। आजकल तो झूठे लोग भरे पड़े हैं। अरे, Royal Enfield मोटरसाइकिल की ही बात कर लो। कहने को तो ये बड़ी मज़बूत मोटरसाइकिल है, पर हमने सुना है कि इसमें भी आजकल खराबी आने लगी है। 200 किलो की मोटरसाइकिल है, सड़क पर चलती है तो लगता है हाथी जा रहा है। पर भाई, दाम भी तो देखो, 1.99 लाख से शुरू होती है, और 2.30 लाख तक जाती है। इतने में तो हम अपने गाँव में ज़मीन खरीद लें।
सुना है कि 2024 में Royal Enfield वाले नई मोटरसाइकिलें ला रहे हैं – Royal Enfield Classic 650, Royal Enfield Scram 440, और Royal Enfield Bullet 650। अब पता नहीं ये कैसी होंगी, पर इतना भारी-भरकम मोटरसाइकिल कौन खरीदेगा भाई? आजकल तो लोग छोटी, हल्की मोटरसाइकिल पसंद करते हैं, जो कम तेल खाए।
एक ज़माने में, जब सब कुछ सच्चा था, लोग सच्चे थे, रिश्ते सच्चे थे, वो ही था असली loyal world classic। आज के ज़माने में तो बस दिखावा है, झूठ है, फरेब है। अरे, वो ज़माना ही अच्छा था, जब लोग दिल से जीते थे, दिमाग से नहीं।
आजकल तो दुकानों में भी ‘लॉयल्टी कार्ड’ देते हैं। मतलब, तुम उनसे सामान खरीदते रहो, तो वो तुम्हें कुछ फायदा देंगे। अरे, ये भी कोई बात हुई? पहले तो ऐसा कुछ नहीं होता था। दुकानदार और ग्राहक का रिश्ता पक्का होता था, भरोसे का होता था। अब तो सब कुछ बदल गया है। नए ज़माने में नए ब्रांड के लिए loyal ग्राहक एक नयी चुनौती है, ऐसा सुनने में आ रहा है। मतलब तुम सच्चे रहो, ग्राहक बनकर, कंपनी के लिए ।
बीबीसी वाले जो न्यूज़ बताते हैं, वो कहते हैं बहुत पक्का है। ब्रिटेन और दुनिया की ख़बरें देते हैं। टीवी पर भी बताते हैं और रेडियो पर भी। हमने तो बस थोड़ा बहुत ही सुना है।

पर एक बात है, चाहे ज़माना कितना भी बदल जाए, सच्चाई और ईमानदारी की कीमत हमेशा रहेगी। भले ही आज कम लोग सच्चे हों, पर जो सच्चे हैं, उनकी कदर हमेशा होगी। ये बात तुम गाँठ बाँध लो।