अरे, ये गोल्डन चार्ट गोल्डन, क्या बला है रे? आजकल बड़ा सुनने को मिल रहा है इसके बारे में। सोना, हाँ सोना, वही पीली-पीली धातु, जिसके गहने बनते हैं। अब उसके भी चार्ट बनने लगे हैं क्या?
मैं तो बूढ़ी औरत हूँ, इतना पढ़ना-लिखना कहाँ आता है, पर हाँ, सोने का भाव तो रोज़ पूछती रहती हूँ। कभी बढ़ जाता है, कभी घट जाता है। ये समझ नहीं आता कि कब सोना खरीदना चाहिए और कब नहीं। ये चार्ट-वार्ट देखकर तो मेरा दिमाग ही घूम जाता है।
पर हाँ, इतना तो जानती हूँ कि सोना खरीदना अच्छा होता है। बुरे वक़्त में काम आता है। थोड़ा-थोड़ा करके जोड़ते रहो तो बढ़िया रकम बन जाती है। और फिर हम औरतों को तो सोना वैसे भी बहुत पसंद होता है। गहने पहनो, सुंदर दिखो, और क्या चाहिए!

अब ये गोल्डन चार्ट, मुझे तो लगता है ये सब पढ़े-लिखे लोगों के चोंचले हैं। हम जैसे लोगों के लिए तो वही पुराना तरीका ठीक है। दुकानदार से पूछो, भाव देखो, और बस खरीद लो। पर आजकल के ज़माने में ठगी भी बहुत होती है। सोना असली है या नकली, ये कैसे पता चले? ये बड़ी समस्या है।
- कहते हैं सिरका डाल कर देखो, सोना असली होगा तो कुछ नहीं होगा, नकली होगा तो रंग बदल देगा।
- और क्या, चुंबक से भी परखते हैं लोग। असली सोना चुंबक से नहीं चिपकता।
- दांत से दबाकर देखो, असली सोना नरम होता है, थोड़ा निशान पड़ जायेगा।
पर ये सब करने से डर भी लगता है, कहीं दुकानदार बुरा न मान जाये। और फिर, आजकल तो हॉलमार्क वाला सोना भी आता है। उसमें सब लिखा होता है, कितना शुद्ध है, क्या है। पर उसके लिए भी तो पढ़ना-लिखना आना चाहिए ना।
ये गोल्डन चार्ट, गोल्डन, ये सब बाज़ार के तरीके हैं। लोगों को बताते हैं कि कब सोना बढ़ेगा, कब घटेगा। पर भगवान जाने, ये सब कितना सच होता है। मुझे तो लगता है, ये सब बस अंदाज़ा ही लगाते हैं। कभी सही, कभी गलत।
मैं तो बस इतना जानती हूँ कि सोना एक अच्छी चीज़ है। थोड़ा-थोड़ा करके खरीदते रहो। कभी न कभी काम ज़रूर आएगा। और हाँ, खरीदते वक़्त थोड़ा ध्यान ज़रूर रखो। देख-परख कर लो, ताकि कोई ठग न ले। बाकी तो भगवान मालिक है।
अब ये गोल्डन चार्ट वाले क्या कहते हैं, मुझे नहीं पता। मैं तो बस इतना जानती हूँ कि सोना खरीदना है तो बस खरीद लो। ज़्यादा सोचो मत। और हाँ, दिवाली आ रही है, धनतेरस भी आएगा। उस दिन सोना खरीदना शुभ होता है। तो बस, थोड़ा-बहुत खरीद लेना। क्या पता, कब काम आ जाये।
और हाँ, आजकल तो वो क्या कहते हैं, ई.टी.एफ., हाँ वही, उसमें भी सोना खरीद सकते हैं। कहते हैं, उसमें असली सोने में ही पैसा लगता है। और शुद्ध भी होता है, 99.50% शुद्ध। पर ये सब मेरे समझ के बाहर की बातें हैं। मुझे तो बस वही पुराना तरीका ठीक लगता है। दुकान पर जाओ, सोना देखो, पसंद करो, और खरीद लो।
सोना खरीदने के बहुत तरीके हैं आजकल। और बहुत सारी बातें भी हैं ध्यान रखने वाली। असली है या नकली, शुद्ध है या नहीं, भाव सही है या नहीं। बहुत झंझट है। पर क्या करें, सोना तो सोना है। हम औरतों की कमज़ोरी है।
चलो, बहुत बातें हो गयीं। अब तुम लोग खुद ही समझदार हो। देख लो, क्या करना है। मैं तो बस इतना ही कहूँगी कि सोना खरीदते वक़्त सावधानी ज़रूर बरतना। बाकी तो सब ठीक ही है।