अरे, आज मैं तुम्हें कुछ बताने जा रही हूँ, हाँ, वही चीज़ जो आदमी लोग पहनते हैं, वो बड़े-बड़े चौड़े-चौड़े कच्छा, जो पहलवान लोग पहनते हैं ना, वैसे ही कुछ। आज कल के छोकरे भी पहनने लगे हैं, फैशन है भई, फैशन! इसे कहते हैं classic physique trunks। अब ये क्या बला है, मैं भी ठीक से नहीं जानती, पर इतना जानती हूँ कि ये कोई मामूली कच्छा नहीं है।
पहले के ज़माने में, हमारे गाँव में तो सब मर्द लोग धोती पहनते थे, या फिर वो सूती लंगोट। तब ये सब तामझाम नहीं था। ये classic physique trunks तो शहरी बाबू लोगों का चोंचला है। पर हाँ, देखने में तो बढ़िया लगता है। मेरे मुन्ने के लिए भी एक खरीदूंगी, सोचती हूँ।
अब ये बनता कैसे है, ये तो मुझे नहीं पता। पर मैंने सुना है कि ये बड़े मज़बूत कपड़े से बनता है। अखाड़े में कुश्ती लड़ते वक़्त भी फटता नहीं है। और हाँ, इसमें जेबें भी होती हैं, पैसे-वैसे रखने के लिए। पहले तो बस लंगोट में ही गाँठ बाँध कर पैसे रखते थे लोग। अब तो ज़माना बदल गया है।

- ये classic physique trunks ना, कई रंगों में मिलते हैं।
- काला, नीला, लाल, हरा, जो रंग चाहो, वो ले लो।
- और हाँ, इन पर धारी भी बनी होती है, किसी पर सीधी, किसी पर टेढ़ी।
- देखने में बड़े सुंदर लगते हैं।
पहले तो हमारे गाँव में दर्जी ही कपड़े सीता था। अब तो सब रेडीमेड मिलने लगा है। ये classic physique trunks भी दुकानों में मिल जाते हैं। पर हाँ, महँगे बड़े होते हैं। हमारे ज़माने में तो इतने पैसे कपड़ों पर खर्च नहीं करते थे लोग। अब तो फैशन का ज़माना है, तो पैसे तो लगेंगे ही।
मैंने सुना है कि शहर में बड़े-बड़े जिम होते हैं, जहाँ लोग कसरत करने जाते हैं। वहाँ भी लोग ये classic physique trunks पहनते हैं। इससे क्या होता है, ये तो मुझे नहीं पता। पर हाँ, देखने में तो अच्छे लगते हैं। शायद इससे कसरत करने में भी आसानी होती होगी।
अब देखो, हमारे यहाँ तो लोग खेतों में काम करते हैं। दिन भर मेहनत करते हैं। उन्हें थोड़े ही ना ये सब पहनने की ज़रूरत है। पर जो लोग शहर में रहते हैं, दफ्तर में काम करते हैं, उनके लिए तो ये ठीक ही है। थोड़ा फैशन भी हो जाता है, और आराम भी मिलता है।
पर एक बात कहूँ, ये classic physique trunks चाहे कितने भी अच्छे हों, हमारे यहाँ के धोती-कुरते की बराबरी नहीं कर सकते। धोती-कुरते में जो आराम है, वो इन सब में कहाँ। पर चलो, ज़माना बदल रहा है, तो लोगों की पसंद भी बदल रही है।
अब ये classic physique trunks कहाँ से खरीदें, ये भी एक सवाल है। हमारे यहाँ तो बाज़ार में मिलते नहीं हैं। शहर जाना पड़ेगा। या फिर आजकल तो वो क्या कहते हैं, ऑनलाइन, हाँ, ऑनलाइन भी मिल जाते हैं। घर बैठे-बैठे सामान आ जाता है। ये भी एक सहूलियत है।
तो भई, यही सब है इस classic physique trunks के बारे में। मैंने जितना जाना, तुम्हें बता दिया। अब तुम लोग जानो, तुम्हें ये पहनना है या नहीं। मुझे तो लगता है कि एक बार पहन कर देखना चाहिए। क्या पता, अच्छा ही लगे। और हाँ, अगर मेरे मुन्ने को पसंद आ गया, तो फिर तो गाँव में भी फैशन चल पड़ेगा।

आज के लिए बस इतना ही। फिर कभी कुछ और बताऊंगी। तब तक के लिए, राम-राम!