तीन अस्तबल
अरे हाँ, आजकाल के जमाने में सब कुछ कितना बदल गया है, ना? हमरे जमाने में तो तीन अस्तबल हुआ करते थे, समझी? अब तो लोग बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, शेयर बाजार, फिटनेस, रिश्ते-नाते, सब कुछ ऑनलाइन हो गया है। पर हम तो ठहरे गाँव के लोग, सीधी-सादी बात समझ में आती है।
अब देखो, ये लोग कहते हैं “ट्रस्ट” होना चाहिए, रिश्तों में, काम-धंधे में। हम तो कहेंगे, भरोसा तो होना ही चाहिए, चाहे वो गाय-भैंस हो या आदमी। भरोसा नहीं होगा तो काम कैसे चलेगा? जैसे गाँव में लोग एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं, तभी तो सब मिल-जुल कर रहते हैं।

फिर ये लोग कहते हैं, “शेयर बाजार” में पैसा लगाओ। अब हम तो ठहरे अनपढ़, ये शेयर बाजार क्या होता है, हमको क्या पता? हम तो इतना जानते हैं कि मेहनत करो, कमाओ और खाओ। ये ऊपर-नीचे होने वाला बाजार हमारे समझ से बाहर है। हाँ, इतना ज़रूर जानते हैं कि किसी भी चीज़ में सोच-समझकर पैसा लगाना चाहिए। जैसे हम अपने खेत में सोच-समझकर बीज बोते हैं, तभी तो फसल अच्छी होती है।
- पैसा सोच समझकर लगाना
- मेहनत से कमाना
- फालतू के चक्कर में नहीं पड़ना
और ये जो “फिटनेस” की बात करते हैं, ये क्या होता है? हम तो सुबह उठते हैं, खेत में काम करते हैं, पूरा दिन मेहनत करते हैं, यही हमारी फिटनेस है। अब ये लोग जिम जाते हैं, मशीनों पर उछल-कूद करते हैं, ये सब हमारे पल्ले नहीं पड़ता। हाँ, इतना ज़रूर है कि शरीर को ठीक-ठाक रखना चाहिए। जैसे हम अपने जानवरों को ठीक से चारा-पानी देते हैं, तभी तो वो तंदरुस्त रहते हैं।
अब ये “गाड़ी घुमाना” भी एक कला है। हम तो अपने बैलगाड़ी को कहीं भी घुमा लेते थे, छोटे से जगह में भी। अब ये लोग “फॉरवर्ड-रिवर्स” करते हैं, ये सब हमको समझ में नहीं आता। हाँ, इतना ज़रूर है कि गाड़ी चलाते समय सावधानी बरतनी चाहिए। जैसे हम अपने बैलगाड़ी को धीरे-धीरे चलाते हैं, ताकि कोई नुकसान न हो।
फिर ये लोग “बहस” करते हैं, हर बात पर। हम तो कहते हैं, बातचीत करो, समझो और सुलझाओ। बहस करने से क्या फायदा? जैसे हम गाँव में किसी मुद्दे पर मिल-बैठकर बातचीत करते हैं, तभी तो मसला हल होता है। हाँ, कभी-कभी बात बढ़ भी जाती है, लेकिन फिर भी समझदारी से काम लेना चाहिए।
और ये जो “ऑनलाइन पैसा कमाना” है, ये भी एक नया चलन है। लोग घर बैठे-बैठे पैसा कमा रहे हैं। अब हम तो ठहरे किसान, हमको तो खेत में मेहनत करके ही पैसा मिलता है। हाँ, इतना ज़रूर है कि आजकल जमाना बदल गया है। जैसे पहले हम हाथ से कपड़े धोते थे, अब मशीन आ गई है। वैसे ही पहले हम खेत में मेहनत करते थे, अब लोग ऑनलाइन पैसा कमा रहे हैं।
तीन अस्तबल का मतलब ये नहीं है कि सिर्फ तीन चीजें ही महत्वपूर्ण हैं। इसका मतलब है कि हर चीज़ को समझो, सोचो और फिर फैसला लो। जैसे हम अपने खेत में सोच-समझकर फसल बोते हैं, तभी तो फसल अच्छी होती है। वैसे ही जीवन में भी सोच-समझकर आगे बढ़ना चाहिए।

मुख्य बातें
भरोसा रखो, मेहनत करो, समझदारी से काम लो और जीवन में आगे बढ़ो। यही तीन अस्तबल का सार है।