आज केंटकी फुटबॉल कै खेल हो रहा है, के पता?
अरे हाँ, सुना है आज केंटकी फुटबॉल का बड़ा मैच है। लेकिन मूँह से बोलूँ तो, हम गाँव वाले लोग कहाँ इतना टीवी देखते हैं? हम तो बस खेत-खलिहान में काम करते हैं और शाम को थोड़ा भजन-कीर्तन कर लेते हैं। ई सब टीवी-वीवी तो शहर के बाबू लोग देखते हैं।
लेकिन हाँ, हमारे गाँव का सरपंच का लड़का थोड़ा पढ़ा-लिखा है। वो बोल रहा था कि आजकल सब कुछ मोबाइल पे दिखता है। पता नहीं कौन सा ऐप है, लेकिन वो बोल रहा था कि उसी पे मैच देख सकते हैं। लेकिन हम बूढ़े लोग कहाँ इतना मोबाइल चला पाते हैं? हमको तो बस दाल-रोटी मिल जाए, वही बहुत है।

वैसे सुना है कि आज का मैच बड़ा ज़ोरदार होने वाला है। कौन-कौन सी टीमें खेल रही हैं, ये तो नहीं पता। लेकिन सुना है कि दोनों ही टीमें बहुत मज़बूत हैं। अब देखो, कौन जीतता है। हम तो बस यही चाहते हैं कि जो भी जीते, अच्छा खेले। खेल में हार-जीत तो लगी रहती है, लेकिन खेल भावना बनी रहनी चाहिए।
- केंटकी फुटबॉल मैच देखने का तरीका
सुना है कि आजकल बहुत सारे तरीके हैं मैच देखने के। जैसे कि टीवी पे, मोबाइल पे, और पता नहीं क्या-क्या। लेकिन हम गाँव वाले लोग तो बस रेडियो पे थोड़ा बहुत सुन लेते हैं। वो भी कभी-कभार, जब टाइम मिलता है। नहीं तो हमारा काम ही इतना होता है कि टीवी देखने का टाइम ही नहीं मिलता।
- मैच का समय
सुना है कि मैच शाम को होने वाला है। लेकिन सही टाइम क्या है, ये नहीं पता। वो तो सरपंच का लड़का ही बता पाएगा। हम तो बस सूरज ढलने का इंतज़ार करते हैं। फिर खाना-वाना खाते हैं और सो जाते हैं।
- केंटकी फुटबॉल टीम
सुना है कि केंटकी फुटबॉल टीम बहुत अच्छी है। लेकिन हमने तो कभी उनको खेलते हुए नहीं देखा। हम तो बस अपने गाँव की कबड्डी टीम को ही जानते हैं। वो भी बहुत अच्छा खेलते हैं। पिछले साल तो उन्होंने पूरे जिले में पहला इनाम जीता था।
आजकल के बच्चे तो दिन भर मोबाइल में घुसे रहते हैं
अब देखो, हमारे ज़माने में तो ऐसा कुछ नहीं था। हम तो बस मिट्टी में खेलते थे, और पेड़ पर चढ़ते थे। लेकिन आजकल के बच्चे तो दिन भर मोबाइल में घुसे रहते हैं। पता नहीं क्या देखते रहते हैं। लेकिन हाँ, सरपंच का लड़का बोल रहा था कि मोबाइल से बहुत जानकारी मिलती है। पता नहीं सच बोल रहा है या झूठ। हम तो बस इतना जानते हैं कि मेहनत से रोटी मिलती है। मोबाइल से तो बस टाइम पास होता है।

वैसे सुना है कि फुटबॉल का खेल बहुत रोमांचक होता है। लेकिन हम गाँव वाले लोग तो बस इतना जानते हैं कि खेत में काम करना ज़रूरी है। अगर खेत में काम नहीं करेंगे, तो खाना कहाँ से खाएंगे? इसलिए हम लोग तो बस अपना काम करते हैं। खेल-वेल तो शहर के लोग देखते हैं। लेकिन हाँ, कभी-कभार हम भी थोड़ा बहुत देख लेते हैं। जब गाँव में कोई बड़ा मेला-वेला होता है, तो वहाँ पर टीवी लगा देते हैं। तब हम लोग भी थोड़ा बहुत मैच देख लेते हैं।
आजकल हर चीज बदल गई है
अब देखो, आजकल हर चीज बदल गई है। पहले तो लोग एक-दूसरे के घर जाते थे, बातें करते थे। लेकिन आजकल तो सब लोग मोबाइल पे ही लगे रहते हैं। पता नहीं क्या हो गया है दुनिया को। लेकिन हाँ, सरपंच का लड़का बोल रहा था कि ये सब तरक्की है। पता नहीं, कैसी तरक्की है। हम तो बस इतना जानते हैं कि इंसान को इंसान से प्यार करना चाहिए। मोबाइल से प्यार करके क्या मिलेगा?
अब चलो, बहुत हो गई बातें। मुझे तो अब खेत में जाना है। वहाँ बहुत काम पड़ा हुआ है। तुम लोग भी अपना काम करो। और हाँ, अगर मैच देखने का टाइम मिले तो देख लेना। लेकिन अपना काम मत भूलना। काम ही सबसे बड़ा धर्म है। और हाँ, जो भी टीम जीते, उसको बधाई देना। खेल में हार-जीत तो लगी रहती है, लेकिन खेल भावना बनी रहनी चाहिए।
कौन से चैनल पर मैच आएगा?

अब ये तो मुझे नहीं पता। लेकिन सुना है कि आजकल बहुत सारे चैनल हैं। स्पोर्ट्स चैनल भी होते हैं, न्यूज़ चैनल भी होते हैं। पता नहीं कौन से चैनल पर मैच आएगा। वो तो सरपंच का लड़का ही बता पाएगा। लेकिन हाँ, अगर पता चल जाए कि कौन से चैनल पर मैच आएगा, तो मुझे भी बता देना। मैं भी थोड़ा बहुत देख लूँगी। वैसे भी आजकल खेत में काम करते-करते थक जाती हूँ। थोड़ा मनोरंजन हो जाएगा।
लेकिन हाँ, एक बात ज़रूर याद रखना। ज्यादा टीवी मत देखना। इससे आँखें खराब होती हैं। और हाँ, अपना काम भी मत भूलना। काम ही सबसे बड़ा धर्म है। और हाँ, जो भी टीम जीते, उसको बधाई देना। खेल में हार-जीत तो लगी रहती है, लेकिन खेल भावना बनी रहनी चाहिए।