अरे हाँ, कुश्ती और फुटबॉल, दुन्नो खेल के बारे में सुना है। ई का है न, सुरक्षा की बात करे तो हम का बताई, हम तो गँवई आदमी ठहरे।
कुश्ती के बारे में थोड़ा बहुत जानती हूँ।
कुश्ती देखे हौ न, अखाड़ा मा पहलवान लोग लड़त हैं। एक दूसरे को पटकत हैं, धोबी पछाड़ देत हैं। हम देखे हैं गाँव के मेला मा, बड़ा मज़ा आवत है। ई खेल में ताकत चाहिए, और दाँव-पेंच भी। लेकिन हाँ, चोट भी लागत है। कभी कंधा उतर गया, कभी घुटना मुड़ गया।

- देखे हो ना, पहलवान लोग जोर आजमाइश करत हैं।
- एक दूसरे को पछाड़ने की कोशिश करत हैं।
- कभी-कभी तो बहुत जोर से गिरत हैं।
लेकिन आजकल के छोरा-छोरी सब कुश्ती सीखत हैं। सुना है ओलंपिक में भी कुश्ती होत है। और हमारे देश के पहलवान लोग मेडल भी जीतत हैं। ई बात तो अच्छी है।
अब फुटबॉल की बात करी।
फुटबॉल, उ तो गेंद लेके दौड़त हैं। पैर से मारत हैं, एक दूसरे से गेंद छीनत हैं। ई खेल में भी बड़ा दौड़-भाग होत है। सुना है, ई खेल विदेश में बहुत मशहूर है। और हाँ, ई खेल में भी चोट लागत है। कभी पैर मुड़ गया, कभी टक्कर लग गई।
हम तो कभी फुटबॉल खेले नहीं, लेकिन देखे जरूर हैं। टीवी मा देखे हैं, और गाँव के लड़का लोग खेलत हैं तो देखे हैं। बड़ा तेज खेल है, ई बात तो है।
अब बताओ, कोन सा खेल ज़्यादा सुरक्षित है?
ई बात तो बताई नहीं जा सकती। दुन्नो खेल में चोट लागत है। कुश्ती में ताकत ज्यादा लगती है, लेकिन फुटबॉल में दौड़-भाग ज्यादा होत है।

हम तो कहब, जे खेल खेलना हो खेलौ। लेकिन सावधानी से खेलौ। गुरु से सीखौ, और नियम से खेलौ। तभी सुरक्षित रहोगे।
कुश्ती और फुटबॉल दोनों ही पुराने खेल हैं।
सुना है, कुश्ती तो सदियों से खेला जा रहा है। पहले के जमाना में राजा-महाराजा लोग कुश्ती खेलत थे। और फुटबॉल भी बहुत पुराना खेल है। ई खेल भी दुनिया भर में खेला जाता है।
अब तो दुन्नो खेल में बहुत बदलाव आ गया है। नियम बदल गए हैं, और खेलने का तरीका भी बदल गया है। लेकिन एक बात नहीं बदली, और वो है जीतने की चाहत। हर खिलाड़ी जीतना चाहता है, चाहे वो कुश्ती खेले या फुटबॉल।
कुश्ती और फुटबॉल दोनों में कड़ी मेहनत की ज़रूरत होती है।
ऐसे ही थोड़े ना कोई बड़ा पहलवान बन जाता है या बड़ा फुटबॉलर। बहुत मेहनत करनी पड़ती है। रोज़ाना अभ्यास करना पड़ता है, और अपने शरीर को मजबूत बनाना पड़ता है।

हम तो किसान आदमी हैं। हम जानत हैं कि मेहनत का क्या मतलब होत है। खेत में मेहनत करोगे तभी फसल मिलेगी। उसी तरह खेल में मेहनत करोगे तभी सफलता मिलेगी।
सुरक्षा के लिए क्या करें?
चाहे कुश्ती खेलौ या फुटबॉल, सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। अच्छे जूते पहनो, और ज़रूरी सुरक्षा उपकरण पहनो। अपने शरीर को गरम करो खेलने से पहले, और खेलने के बाद अपने शरीर को ठंडा करो। अगर चोट लग जाए तो तुरंत डॉक्टर के पास जाओ।
हम तो इतना ही कहब, कि खेल कोई भी हो, सावधानी से खेलौ। और हाँ, खेल को खेल की तरह खेलौ, दुश्मनी की तरह नहीं।
और हाँ, एक बात और।
खेलने से शरीर तंदरुस्त रहता है, और दिमाग भी तेज होत है। इसलिए खेलना ज़रूरी है। लेकिन हाँ, पढ़ाई-लिखाई भी ज़रूरी है। पढ़ोगे-लिखोगे नहीं तो आगे कैसे बढ़ोगे?

हम तो इतने पढ़े-लिखे नहीं हैं, लेकिन हम जानत हैं कि पढ़ाई-लिखाई का क्या महत्व है। इसलिए अपने बच्चा लोग को पढ़ाओ-लिखाओ, और खेलने के लिए भी प्रोत्साहित करो।
अब हम का बताई, जितना जानत थे बता दिए।
अब तुम लोग समझो और अपने हिसाब से करो। हम तो गँवई आदमी ठहरे, इतना ही जानत हैं।