अरे, आज मैं थारे को बताऊंगी किराना रैक के भाव के बारे में। दुकान खोलनी है तो सामान रखने के लिए रैक तो चाहिए ना। अब ये रैक भी कई तरह के आवे हैं, कोई लोहे के, कोई लकड़ी के, कोई छोटे, कोई बड़े। सबके भाव भी अलग-अलग हैं।
अब देखो, जो छोटे-मोटे रैक होवें हैं, वो तो सस्ते ही मिल जावें हैं। पर जो बड़े-बड़े रैक होवें हैं, जिनमें ज्यादा सामान रख सको, वो थोड़े महंगे आवे हैं। और फिर रैक बनवाने वाले पे भी बात है। कोई ज्यादा पैसे लेवे है, कोई कम।
- छोटा रैक – कम दाम
- बड़ा रैक – ज्यादा दाम
- लोहे का रैक – ठीक-ठाक दाम
- लकड़ी का रैक – महंगा भी, सस्ता भी
मैंने सुना है, लखनऊ में बॉम्बे सेफ वाले अच्छे रैक बनावें हैं। पर वहां तक कौन जावे? अपने आस-पास के बाजार में ही देख लो। कई दुकानें होंगी जो रैक बनावें हैं। उनसे बात करके देखो। उनसे पूछो कि कितने का रैक बना दोगे, कौन-कौन सी चीज का रैक बना दोगे।

और हां, खाली रैक का भाव ही मत पूछना। ये भी पूछना कि दुकान तक लाने का कितना लोगे। कई जने दुकान तक पहुंचाने का अलग से पैसा लेवें हैं। और हां, रैक बनवाते टैम ये भी ध्यान रखना कि वो मजबूत हो। ऐसा ना हो कि दो दिन में ही टूट-फूट जावे।
किराना दुकान खोलनी है तो रैक तो लगवाने ही पड़ेंगे। रैक के बिना सामान कहां रखोगे? जमीन पर थोड़ी ना रखोगे। और फिर ग्राहक को भी अच्छा लगेगा अगर सामान रैक में सजा के रखोगे। दुकान भी साफ-सुथरी लगेगी।
अब रैक के भाव तो जगह-जगह पे अलग-अलग होवें हैं। ये तो दुकान वाले पे है कि वो कितने पैसे मांगता है। पर तुम थोड़ा मोल-भाव भी कर लिया करो। क्या पता कुछ कम कर दे। और हां, एक दुकान से पूछ के दूसरी दुकान पे भी पूछ लिया करो। क्या पता कहीं सस्ता मिल जावे।
रैक का प्राइस पता करने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि तुम खुद बाजार जाके पता करो। दो-चार दुकानों पे जाके भाव पूछो। तुम्हें खुद ही अंदाजा हो जावेगा कि कितने का रैक मिल रहा है। और हां, रैक वाले से ये भी पूछ लेना कि वो कितने दिन में रैक बनाके देगा।
रैक लगवाते टैम ये भी ध्यान रखना की दुकान में कितनी जगह है। ऐ ना हो के सारे में रैक ही रैक भर दो और चलने फिरने की जगह ही ना बचे। दुकान ऐसी होनी चाहिए के ग्राहक आराम से आ जा सके और सारा समान देख सके।
और हां, दुकान में खाली रैक ही नहीं, और भी चीजें चाहिए। जैसे गल्ला, कुर्सी, सामान तोलने के लिए तराजू, सामान पैक करने के लिए थैलियां। इन सब चीजों का भी खर्चा होगा। तो दुकान खोलने से पहले इन सब बातों का भी ध्यान रखना।

एक बात और, दुकान वहीं खोलना जहां लोगों का आना-जाना ज्यादा हो। ऐसी जगह पे दुकान मत खोल देना जहां कोई आता-जाता ही ना हो। दुकान चलेगी तभी जब ग्राहक आएंगे। और ग्राहक आएंगे तभी जब उन्हें दुकान दिखेगी।
दुकान में हर तरह का सामान रखना। दाल, चावल, आटा, चीनी, तेल, मसाले, सब कुछ। और हां, साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखना। दुकान में गंदगी होगी तो ग्राहक नहीं आएंगे। और देखो, ग्राहक से अच्छे से बात करना। मीठा बोलोगे तो ग्राहक बार-बार आएगा।
किराना स्टोर चलाना आसान काम नहीं है। बहुत मेहनत करनी पड़ती है। सुबह जल्दी उठ के दुकान खोलनी पड़ती है। फिर सारा दिन दुकान पे बैठना पड़ता है। ग्राहक आते हैं, सामान मांगते हैं, हिसाब-किताब करना पड़ता है। बहुत काम होता है।
पर अगर तुम मेहनत करोगे, लगन से काम करोगे तो तुम्हारी दुकान जरूर चलेगी। और हां, भगवान पे भरोसा रखना। वो सब ठीक करेगा। बस तुम अपना काम ईमानदारी से करते रहो। फल अपने आप मिल जावेगा।
आजकल तो देखो, कितनी दुकानें खुल गई हैं। हर गली-मोहल्ले में दो-चार दुकानें तो मिल ही जावेंगी। कंपटीशन बहुत है। पर अगर तुम अपने ग्राहक को अच्छा सामान दोगे, सही दाम पे दोगे, और उनसे अच्छे से बात करोगे तो वो तुम्हारे ही पक्के ग्राहक बन जावेंगे। फिर वे कहीं और नहीं जावेंगे।
और सुनो, दुकान पे उधार-बही भी रखना। कई बार ग्राहक उधार ले जावे है। तो उसका हिसाब भी तो रखना पड़ेगा ना। और हां, उधार उसी को देना जिसको तुम जानते हो। ऐसे एरे-गैरे को उधार मत दे देना। क्या पता पैसे लेके भाग जावे।

तो ये थी कुछ बातें किराना दुकान के रैक के बारे में और दुकान चलाने के बारे में। उम्मीद है तुम्हें कुछ मदद मिली होगी। अब तुम जाओ और अपनी दुकान खोलो और खूब तरक्की करो। भगवान तुम्हारा भला करे।