नमस्ते दोस्तों! आज मैं आपके साथ एक मज़ेदार अनुभव बाँटना चाहता हूँ – प्लेटफार्म टेनिस खेलने का मेरा पहला प्रयास।
शुरुआत
मैंने प्लेटफार्म टेनिस के बारे में सुना तो बहुत था, लेकिन कभी खुद आजमाया नहीं था। एक दिन मेरे दोस्त ने मुझे खेलने के लिए बुलाया, और मैंने सोचा, चलो, आज कुछ नया करते हैं! तो बस, पहुँच गए हम कोर्ट पर।
पहला कदम
कोर्ट थोड़ा अलग था – छोटा, तारों से घिरा हुआ। रैकेट भी पैडल जैसा था, टेनिस रैकेट से बिलकुल अलग। पहले तो मुझे लगा कि ये मुझसे नहीं होगा, बॉल इधर-उधर भाग रही थी।

- पकड़ (Grip): रैकेट को पकड़ना थोड़ा अलग था। मैंने कोशिश की कि ज़्यादा ज़ोर से न पकडूं, ढीला-ढाला रखूं।
- सर्व (Serve): सर्व करना सबसे मुश्किल लगा! बॉल को ऊपर उछालकर मारना, वो भी तारों के बीच से, बाप रे!
- वॉली (Volley): जब बॉल तेज़ी से आती है, तो उसे रोकना और वापस मारना, ये वॉली करना मुझे थोड़ा मज़ेदार लगा।
खेल का मज़ा
शुरू में तो बहुत गड़बड़ हुई, बॉल कभी तारों में फंस जाती, कभी बाहर चली जाती। लेकिन धीरे-धीरे मुझे समझ आने लगा। मैंने अपने दोस्त को ध्यान से देखा, उसकी तकनीक को कॉपी करने की कोशिश की।
सबसे मज़ेदार बात ये थी कि बॉल तारों से टकराकर वापस आ जाती है, तो खेल लगातार चलता रहता है। इससे खेल में तेज़ी बनी रहती है और मज़ा भी आता है।
मेरा अनुभव
मुझे ये खेल बहुत पसंद आया! ये तेज़ है, मज़ेदार है, और इसमें दिमाग भी लगाना पड़ता है। हाँ, शुरुआत में थोड़ी मुश्किल होती है, लेकिन एक बार आदत पड़ जाए, तो फिर छोड़ने का मन नहीं करता।
मैंने तो तय कर लिया है कि अब मैं इसे নিয়মিত खेलूंगा। अगर आप भी कुछ नया आज़माना चाहते हैं, तो प्लेटफार्म टेनिस ज़रूर ट्राई करें! क्या पता, आपको भी मेरी तरह ये खेल पसंद आ जाए।