अरे यारों, आज मैं आपको अपने टेनिस के एक मजेदार किस्से के बारे में बताऊंगा। वैसे तो मैं कोई पेशेवर खिलाड़ी नहीं हूं, बस शौक के लिए खेलता हूं। लेकिन आज जो हुआ, वो वाकई में मजेदार था।
दरअसल, मैं आज सुबह-सुबह टेनिस खेलने गया था। मुझे न तो टेनिस के नियमों के बारे में ज़्यादा जानकारी थी और न ही कोर्ट के बारे में। बस रैकेट उठाया और चल दिया।
वहां पहुंचकर मैंने देखा कि एक आयताकार कोर्ट बना हुआ था। मुझे लगा, चलो इसी पर खेलते हैं। मैंने सर्विस की, और बॉल सीधे नेट में जा लगी। मुझे समझ नहीं आया कि क्या हुआ।

फिर एक अनुभवी खिलाड़ी मेरे पास आए और उन्होंने मुझे बताया कि मैं गलत जगह पर खड़ा था। उन्होंने मुझे समझाया कि टेनिस कोर्ट में एक ‘ऐड कोर्ट’ होता है। उन्होंने कहा, “अरे भाई, ये ऐड कोर्ट होता है, जहां से सर्विस करनी होती है।”
मैंने उनसे पूछा, “ये ऐड कोर्ट क्या होता है?”
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “टेनिस में, जब स्कोर 40-40 (ड्यूस) होता है, तो उसके बाद जिस खिलाड़ी को पॉइंट मिलता है, वो ‘ऐड’ पर होता है। और उसे अगले पॉइंट के लिए जिस कोर्ट से सर्विस करनी होती है, उसे ‘ऐड कोर्ट’ कहते हैं।”
उन्होंने मुझे यह भी बताया कि टेनिस दो खिलाड़ियों या दो खिलाड़ियों की दो टीमों के बीच खेला जाता है।
मैंने उनसे कहा, “ओह, अब समझ में आया। मतलब टेनिस इतना भी आसान खेल नहीं है, जितना मैं सोच रहा था।”
उन्होंने मुझे टेनिस के कुछ और नियम भी बताए, जैसे कि ऐस, सर्विस, और कोर्ट के आयाम।

- ऐस: जब कोई खिलाड़ी सर्विस से सीधे जीत दर्ज करता है।
- सर्विस: गेंद को खेल में लाने की क्रिया।
- कोर्ट: वह आयताकार क्षेत्र जहां टेनिस खेला जाता है।
मैंने उन भले आदमी को धन्यवाद दिया और फिर से खेलना शुरू किया। इस बार मैंने थोड़ा ध्यान से खेला और कुछ पॉइंट्स भी जीते।
उस दिन से मैंने टेनिस के बारे में थोड़ी और जानकारी जुटाई और अब मैं इस खेल को थोड़ा बेहतर समझने लगा हूं।
तो दोस्तों, ये थी मेरी आज की कहानी। उम्मीद है आपको पसंद आई होगी। अगर आप भी टेनिस खेलते हैं, तो मुझे कमेंट में जरूर बताएं।