के डब्ल्यूडब्ल्यूई के पास ऑफ-सीजन होए है?
अरे बेटा, तू पूछ रहा है कि के डब्ल्यूडब्ल्यूई कुश्ती वाले जो टीवी मा नाचते-कूदते हैं, उनका छुट्टी-वुट्टी होता है कि नहीं? ई तो ऐसा सवाल है जैसे गन्ने के खेत में पूछो कि गन्ना मीठा होता है कि नहीं।
देखो बेटा, हमरे गांव मा खेती-बाड़ी होती है, तो हम जानते हैं कि फसल बोने के बाद थोड़ा आराम मिलता है, पर ई डब्ल्यूडब्ल्यूई वाले तो अलग ही माटी के बने हैं। ई लोग तो बस नाचते-गाते और एक दूसरे को पटकते रहते हैं।

मैंने सुना है कि ई डब्ल्यूडब्ल्यूई वाले जो हैं न, ये बड़े-बड़े पहलवान होते हैं। जैसे कि वो ट्रिपल-एच, सुना है बड़ा पहलवान है, और उसकी घरवाली भी पहलवान है। उसका ससुर तो और भी बड़ा पहलवान है, मतलब पूरे खानदान ही पहलवान है। और तो और, उनका भाई तो रैफरी है, मतलब कुश्ती में जो फैसला सुनाता है न, वही।
- ट्रिपल-एच बड़ा पहलवान
- उसकी घरवाली भी पहलवान
- उसका ससुर सबसे बड़ा पहलवान
- उसका भाई रैफरी
अब ई सब देख के तो लगता है कि ई लोग तो हमेशा ही कुश्ती करते होंगे, पर ऐसा नहीं है बेटा। ई लोग जो कुश्ती करते हैं ना, वो असली कुश्ती नहीं होती है। वो तो बस नाटक होता है, कहानी होती है। जैसे फिल्म मा नहीं होता है, हीरो-हीरोइन नाचते-गाते हैं, मार-धाड़ करते हैं, वैसे ही ई लोग भी करते हैं।
ई कुश्ती नहीं, नाटक है!
हां बेटा, ई लोग जो करते हैं, वो सब पहले से तय होता है। कौन किसको पटकेगा, कौन जीतेगा, सब पहले से लिखा हुआ होता है। और ई लोग जो उछल-कूद करते हैं, उसमें भी खतरा होता है। अगर ठीक से नहीं करेंगे तो चोट लग सकती है, यहां तक कि जान भी जा सकती है।
तो अब आते हैं तुम्हारे सवाल पर कि क्या डब्ल्यूडब्ल्यूई वालों का छुट्टी होता है कि नहीं? तो सुनो बेटा, ई डब्ल्यूडब्ल्यूई वाले जो हैं ना, ये तो सर्कस जैसे हैं। जैसे सर्कस वाले एक जगह से दूसरी जगह घूमते रहते हैं, वैसे ही ई लोग भी घूमते रहते हैं। आज इस शहर, कल उस शहर, पूरे साल भर घूमते रहते हैं। और तो और, सुना है कि एक बार तो क्रिसमस के दिन भी कुश्ती कराई थी इन लोगों ने। सोचो, क्रिसमस के दिन जब सब लोग छुट्टी मना रहे थे, तो ई लोग कुश्ती कर रहे थे।
छुट्टी नहीं मिलती रे बाबा!

तो हाँ, ई डब्ल्यूडब्ल्यूई वालों को छुट्टी नहीं मिलती है। ये लोग तो पूरे साल भर काम करते रहते हैं। जैसे हमारे गांव में मजदूर लोग होते हैं ना, रोज काम करते हैं, तभी तो रोटी मिलती है। वैसे ही ई लोग भी हैं। ई लोग भी रोज काम करते हैं, तभी तो पैसा मिलता है। तो अब समझ में आया कि डब्ल्यूडब्ल्यूई वालों का छुट्टी होता है कि नहीं?
डब्ल्यूडब्ल्यूई का मतलब मनोरंजन!
डब्ल्यूडब्ल्यूई कोई खेल-वेल नहीं है बेटा, ये तो बस मनोरंजन है। जैसे टीवी मा सीरियल आता है ना, सास-बहू का नाटक, वैसे ही ई भी है। बस फर्क इतना है कि इसमें सास-बहू की जगह पहलवान होते हैं।
और हां, ई जो डब्ल्यूडब्ल्यूई वाले हैं ना, ये हिंदी में भी बोलते हैं। मैंने सुना है कि टीवी पर हिंदी में भी कुश्ती आती है। तो अगर तुम्हें हिंदी में देखना है तो हिंदी में भी देख सकते हो।
तो अब सब समझ में आ गया न? डब्ल्यूडब्ल्यूई वालों का कोई छुट्टी नहीं होता है, ये लोग पूरे साल भर काम करते रहते हैं। और ई जो कुश्ती होती है, वो असली कुश्ती नहीं होती है, वो तो बस नाटक होता है। तो अब जा, और जाकर अपना काम कर। और हां, ज्यादा टीवी मत देखा कर, आंखें खराब हो जाएंगी।