अरे सुनो!
आजकल सब लोग टेनिस-टेनिस चिल्लाते हैं। हमको तो समझ नहीं आता था कि ये टेनिस-वेनिस क्या होता है। फिर हमने सोचा चलो थोड़ा पता करते हैं। अब जो पता चला है वो तुमको बताते हैं।
देखो भाई, ये टेनिस जो है ना, ये बड़ा जोरदार खेल है। लोग इसको कोर्ट में खेलते हैं। कोर्ट मतलब, एक बड़ा सा मैदान होता है, जिसपे लाइनें खींची होती हैं। और बीच में एक जाल लगा होता है। समझ गए ना?

अब सुनो, इसमें दो जने खेलते हैं या फिर चार जने, दो-दो की जोड़ी बना के। एक जने के हाथ में बल्ला होता है, उसको रैकेट बोलते हैं। और एक गेंद होती है, छोटी सी, पीली-पीली। उस गेंद को रैकेट से मारना होता है, और जाल के ऊपर से दूसरे तरफ पहुंचाना होता है।
अब इसमें नंबर कैसे मिलते हैं, ये भी समझ लो। देखो, जब तुम गेंद को दूसरे तरफ मारते हो, और दूसरा आदमी उसको वापस नहीं मार पाता, या मारता भी है तो कोर्ट के बाहर चली जाती है, तो तुमको नंबर मिल जाता है। पहले मिलता है 15, फिर 30, फिर 40, और फिर सीधा गेम खत्म। लेकिन हां, अगर 40-40 हो गया ना, तो फिर दो नंबर लगातार जीतने पड़ते हैं, तब गेम खत्म होता है। इसको बोलते हैं एडवांटेज लेना।
टेनिस के नियम-कानून
- गेंद को रैकेट से मारना होता है।
- गेंद को जाल के ऊपर से मारना होता है।
- गेंद को कोर्ट के अंदर ही मारना होता है, बाहर जाएगी तो नंबर कट जाएगा।
- सर्विस करते समय, पैर लाइन के पीछे रहना चाहिए।
- गेंद को एक बार बाउंस होने के बाद ही मार सकते हैं।
ये तो हो गया टेनिस का मोटा-मोटी हिसाब। अब इसमें भी बहुत सारी बातें होती हैं, जैसे कि फोरहैंड, बैकहैंड, सर्विस, वॉली। लेकिन ये सब तुमको धीरे-धीरे समझ में आएगा। अभी के लिए इतना ही बहुत है।
कैसे जीतते हैं टेनिस?
टेनिस में जीतने के लिए तुमको ज्यादा से ज्यादा गेम जीतने होते हैं। एक मैच में कई सारे सेट होते हैं, और हर सेट में कई सारे गेम होते हैं। जो ज्यादा सेट जीत जाता है, वो मैच जीत जाता है। अब ये सेट वेट कितने होंगे, ये पहले से तय होता है। कभी-कभी तीन सेट का मैच होता है, कभी-कभी पांच सेट का। औरतों का मैच अक्सर तीन सेट का होता है, और मर्दों का कभी-कभी पांच सेट का भी होता है।

टेनिस में दांव लगाना
आजकल तो लोग टेनिस पर दांव भी लगाते हैं। वो देखते हैं कि कौन सा खिलाड़ी अच्छा खेल रहा है, कौन सा नहीं। कौन किससे ज्यादा मैच जीता है, कौन सी जगह पर अच्छा खेलता है। फिर उसी हिसाब से दांव लगाते हैं। लेकिन ये सब काम ठीक नहीं है, जुआ-वुआ नहीं खेलना चाहिए। मेहनत करके पैसा कमाना चाहिए।
टेबल टेनिस भी होता है
टेनिस जैसा ही एक और खेल होता है, उसको बोलते हैं टेबल टेनिस। ये छोटे से टेबल पर खेला जाता है। इसमें भी रैकेट और गेंद होती है, लेकिन वो छोटी-छोटी होती हैं। इसमें भी नंबर ऐसे ही मिलते हैं जैसे टेनिस में मिलते हैं। बस इसमें 11 नंबर मिलते ही गेम खत्म हो जाता है।
टेनिस का इतिहास
सुना है कि टेनिस बहुत पुराना खेल है। पहले इसको राजा-महाराजा लोग खेलते थे। फिर धीरे-धीरे सब लोग खेलने लगे। पहले तो हाथ से ही गेंद को मारते थे, बल्ला-वल्ला नहीं होता था। फिर धीरे-धीरे बल्ला भी आ गया। और अब तो देखो, कहां से कहां पहुंच गया टेनिस।

टेनिस कैसे सीखें?
अगर तुमको भी टेनिस सीखना है ना, तो किसी अच्छे सिखाने वाले के पास चले जाओ। वो तुमको सब सिखा देगा। थोड़ा मेहनत करना पड़ेगा, लेकिन सीख जाओगे। और हां, खेलने से पहले थोड़ा वार्म-अप कर लेना, नहीं तो हाथ-पैर में दर्द हो जाएगा। और खूब पानी पीना, नहीं तो थक जाओगे।
तो ये है टेनिस की कहानी। समझ गए ना? अगर कोई बात समझ में न आए तो फिर से पूछ लेना। हम तो ऐसे ही बोलते हैं, सीधा-साधा। ज्यादा घुमा-फिरा के बात करना हमको नहीं आता।