अरे यारों, कैसे हो सब लोग? आज मैं एक मजेदार किस्सा सुनाने वाला हूं। हुआ यूं कि आज मैं मोल्तेनी टेनिस खेलने निकल पड़ा। अब आप लोग सोच रहे होंगे कि ये मोल्तेनी टेनिस क्या बला है? अरे, वही अपना लॉन टेनिस, जो खुले मैदान में खेला जाता है। तो बस, इसी टेनिस का भूत आज मेरे सिर पर सवार था।
सबसे पहले तो मैंने अपना पुराना रैकेट निकाला, जो कोने में पड़ा धूल खा रहा था। उसे थोड़ा साफ-सुथरा किया, फिर कुछ टेनिस बॉल भी ढूंढ निकालीं। अब बारी थी, खेलने की जगह ढूंढने की।
- जगह की तलाश: मैंने सोचा कि पास वाले पार्क में चला जाऊं। वहां खुला मैदान भी है और कभी-कभार लोग टेनिस खेलते भी दिख जाते हैं।
- पार्टनर ढूंढना: अब खेलने के लिए कोई साथी तो चाहिए था। मैंने अपने दोस्त राजू को फोन लगाया, वो भी झट से तैयार हो गया।
हम दोनों पार्क पहुंच गए। वहां जाकर देखा तो एक-दो लोग पहले से ही खेल रहे थे। हमने थोड़ी देर इंतजार किया, फिर जैसे ही वो लोग हटे, हमने अपना कब्जा जमा लिया।

राजू और मैंने खेलना शुरू किया। शुरुआत में तो थोड़ा अटपटा लगा, क्योंकि इतने दिनों बाद खेल रहा था। लेकिन फिर धीरे-धीरे लय पकड़ ली। मैंने राजू को खूब छकाया, कभी इधर तो कभी उधर, बेचारा भाग-भाग कर थक गया। और हां, मैंने कुछ जोरदार शॉट भी लगाए, एकदम प्रोफेशनल खिलाड़ियों जैसे, हाहा!
खेलते-खेलते हमें काफी देर हो गई। पसीने से तर-बतर, लेकिन मजा बहुत आया। मैंने तो सोच लिया है कि अब हर हफ्ते कम से कम एक बार तो टेनिस खेलूंगा ही। इससे फिटनेस भी बनी रहेगी और मनोरंजन भी हो जाएगा।
कुछ जरूरी बातें भी जान लो:
- टेनिस खेलने के लिए कोर्ट होता है, जो नेट से दो भागों में बंटा होता है।
- इसमें दो लोग (एकल) या चार लोग (युगल) खेल सकते हैं।
- टेनिस रैकेट से खेला जाता है और गेंद को नेट के पार मारना होता है।
- कोर्ट तीन तरह के होते हैं – ग्रास कोर्ट, क्ले कोर्ट और हार्ड कोर्ट। वैसे, मैंने आज जिस कोर्ट में खेला वो पक्का वाला हार्ड कोर्ट था।
तो यारों, ये थी मेरी आज की मोल्तेनी टेनिस की कहानी। उम्मीद है आप लोगों को पढ़कर मजा आया होगा। अगर आप भी कभी टेनिस खेलना चाहें तो बेझिझक खेलिए, बड़ा ही मजेदार खेल है!