अरे सुनो भई, आजकाल के लौंडे-लौंडिया बड़ा टेनिस-वेनिस खेल रहे हैं। हमरे ज़माने में तो बस कबड्डी और गुल्ली-डंडा होता था। ई महेश भूपति का नाम बड़ा सुन रहे हैं, सुना है बड़ा टेनिस का खिलाड़ी है। बड़ा नाम कमाया है छोरा, तभी तो सब उसकी टेनिस अकादमी की फीस-वीस पूछ रहे हैं।
अब ई तो हमका नहीं पता कि उका फीस कित्ता है, लेकिन सुना है कि बड़ा सिखाता-विखाता है। अब ई टेनिस का खेल तो बड़ा महंगा है भई। हमरे गाँव में तो कउनो टेनिस कोर्ट वोर्ट नहीं है। सब लोग खेत में काम करते हैं, नहीं तो मजदूरी करते हैं। ई टेनिस वेनिस तो बड़े लोग का खेल है।
लेकिन सुना है कि महेश भूपति का जनम कर्नाटक में हुआ था बैंगलौर में। ई बात तो हमको भी पता नहीं थी। हम तो सोचते थे कि दिल्ली-विल्ली में रहता होगा। अब ई बड़ा आदमी है तो कहीं भी रह सकता है।

और सुना है कि आजकल वो अपना पचासवां जन्मदिन मना रहा है। बड़ा लंबा उम्र जीये भई। हमरे गाँव में तो लोग इत्ता दिन कहाँ जीते हैं। ज्यादातर लोग तो जल्दी ही मर जाते हैं। बीमारी-विमारी से, नहीं तो काम-धाम करते-करते।
- महेश भूपति ने कब टेनिस खेलना शुरू किया? सुना है कि तीन साल की उम्र में अपने बाप के कहने पर खेलना शुरू किया था। इत्ता छोटा बच्चा और टेनिस खेल रहा है। हमरे गाँव के बच्चे तो इतनी उम्र में मिट्टी में खेलते रहते हैं।
- महेश भूपति का जनम कहाँ हुआ था? सुना है कि पेद्दापुरम में हुआ था। अब ई पेद्दापुरम कहाँ है, ई तो हमको नहीं पता। शायद कोई बड़ा शहर होगा।
- महेश भूपति क्या करता है? सुना है कि टेनिस अकादमी चलाता है। अब ई टेनिस अकादमी क्या होती है, ई तो हमको नहीं पता। शायद वहाँ टेनिस सिखाते होंगे।
और सुना है कि महेश भूपति ने उत्तर भारत में भी बहुत सारा टेनिस अकादमी खोला है। सोलह शहर में टेनिस अकादमी खोला है। बड़ा काम कर रहा है भई। हमरे गाँव में तो एक भी स्कूल ठीक से नहीं चलता है।
अब ई टेनिस अकादमी का फीस कितना है, ई तो हमको नहीं पता। लेकिन सुना है कि बड़ा महंगा है। गरीब आदमी के बस का तो नहीं है। लेकिन अगर कोई अमीर आदमी अपने बच्चे को टेनिस सिखाना चाहता है तो महेश भूपति के अकादमी में भेज सकता है।
लेकिन हम तो कहते हैं कि खेलना-कूदना अच्छा है, लेकिन पढ़ाई-लिखाई भी जरूरी है। बिना पढ़ाई-लिखाई के कुछ नहीं होता है। हमरे गाँव में भी लोग अब समझ गए हैं। सब अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं।
तो भई, अगर तुमको महेश भूपति के टेनिस अकादमी के बारे में और जानकारी चाहिए तो इंटरनेट पर देख लो। वहाँ सब कुछ मिल जाएगा। हमको तो इत्ता ही पता था। हमने तो सुना-सुनाया बात तुमको बता दिया। अब तुम जानो और तुम्हारा काम जाने।
हम तो बस इतना कहना चाहते हैं कि खेलना अच्छी बात है, लेकिन पढ़ाई-लिखाई भी जरूरी है। और हाँ, महेश भूपति बड़ा आदमी है, लेकिन हमरे गाँव के लोग भी कम नहीं हैं। मेहनत करके सब कुछ हासिल किया जा सकता है। ई बात हम हमेशा कहते हैं।
