अरे हाँ, सुनो सुनो! आज बात करेंगे कि ये जो बड़का फुटबॉल का खेल होता है न, उसमें गाड़ी कहाँ खड़ी करें? गाड़ी खड़ी करना भी एक बड़ा पहाड़ तोड़ने जैसा काम है, समझ लो! अब ये फुटबॉल देखने जाना है तो गाड़ी तो खड़ी करनी पड़ेगी न। नहीं तो पुलिस वाले पकड़ लेंगे, फिर जुर्माना भरो, अलग से झंझट।
बड़का स्टेडियम के आसपास पार्किंग
अब सुनो, ये जो बड़का स्टेडियम होता है न, उसके आसपास बहुत सारी जगह होती है गाड़ी खड़ी करने के लिए। लेकिन हाँ, सब जगह मुफ्त में नहीं मिलती। कुछ जगह सरकारी होती है, कुछ प्राइवेट होती है। सरकारी वाली थोड़ी सस्ती होती है, लेकिन जल्दी भर जाती है। प्राइवेट वाली थोड़ी महंगी होती है, लेकिन जगह मिल जाती है। अब ये तुमको देखना है कि तुमको कहाँ खड़ी करनी है।

- सरकारी पार्किंग: थोड़ा सस्ता, लेकिन जल्दी फुल हो जाता है। अगर जल्दी पहुँच जाओ तो यहाँ जगह मिल सकती है।
- प्राइवेट पार्किंग: थोड़ा महंगा, लेकिन जगह मिल जाती है। अगर देर से पहुँचो तो यहीं जाना पड़ेगा।
- सड़क किनारे पार्किंग: ये सबसे झंझट वाला काम है। कहीं खड़ी कर दो तो पुलिस वाले आ जाते हैं, गाड़ी उठा ले जाते हैं। फिर दौड़ते रहो थाने के चक्कर लगाते रहो। तो इससे बच के रहना।
अब सुनो, ये जो स्टेडियम के आसपास पार्किंग होती है न, उसका भी एक रेट होता है। हर जगह का अलग-अलग रेट होता है। कहीं 100 रुपया लगता है, कहीं 200 रुपया लगता है, कहीं 500 रुपया भी लग जाता है। अब ये तुमको खुद देखना पड़ेगा कि तुम्हारे पास कितना पैसा है। जितना पैसा होगा, उतनी अच्छी जगह मिलेगी।
गाड़ी खड़ी करने का सबसे अच्छा समय
अब सुनो, ये जो फुटबॉल का खेल होता है न, ये शाम को होता है। तो गाड़ी खड़ी करने का सबसे अच्छा समय दोपहर को होता है। दोपहर को भीड़ कम होती है, आसानी से जगह मिल जाती है। लेकिन अगर तुम शाम को जाओगे, तो भीड़ बहुत होगी, जगह नहीं मिलेगी, और फिर गाड़ी खड़ी करने में बहुत परेशानी होगी।
गाड़ी खड़ी करने के लिए कुछ जरूरी बातें
अब सुनो, गाड़ी खड़ी करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। नहीं तो बाद में बहुत परेशानी हो सकती है।
- सबसे पहले तो ये देखो कि जहाँ गाड़ी खड़ी कर रहे हो, वहाँ पार्किंग की इजाजत है या नहीं। कहीं गलत जगह खड़ी कर दी तो पुलिस वाले गाड़ी उठा ले जाएंगे।
- दूसरा ये देखो कि गाड़ी ठीक से खड़ी है या नहीं। कहीं आड़ी-टेढ़ी खड़ी कर दी तो दूसरी गाड़ियों को निकलने में परेशानी होगी।
- तीसरा ये देखो कि गाड़ी में ताला लगा है या नहीं। कहीं खुली छोड़ दी तो कोई चोर ले जाएगा।
- चौथा ये देखो कि गाड़ी में कोई कीमती सामान तो नहीं छोड़ दिया है। कहीं कोई चोर-उचक्का देख लेगा तो गाड़ी का शीशा तोड़कर सामान चुरा लेगा।
कुछ अतिरिक्त जानकारी

अब सुनो, ये जो बड़का फुटबॉल का खेल होता है न, उसके दिन बहुत भीड़ होती है। तो गाड़ी खड़ी करने में थोड़ी परेशानी तो होगी ही। लेकिन अगर तुम थोड़ी समझदारी से काम लोगे, तो आसानी से गाड़ी खड़ी कर सकते हो।
अगर फिर भी समझ में नहीं आ रहा है, तो क्या करें?
अगर तुमको समझ में नहीं आ रहा है कि गाड़ी कहाँ खड़ी करें, तो किसी से पूछ लो। वहाँ बहुत सारे लोग होंगे, जो तुम्हारी मदद कर सकते हैं। या फिर पुलिस वाले से भी पूछ सकते हो। वो भी तुम्हारी मदद कर देंगे।
निष्कर्ष
तो ये थी सारी जानकारी कि ये जो बड़का फुटबॉल का खेल होता है न, उसमें गाड़ी कहाँ खड़ी करें। अब तुमको समझ में आ गया होगा कि गाड़ी कैसे और कहाँ खड़ी करनी है। तो अब जाओ और आराम से फुटबॉल का खेल देखो। हाँ, लेकिन गाड़ी ध्यान से खड़ी करना, नहीं तो बाद में मत कहना कि बताया नहीं था। ठीक है न?