नमस्ते भाइयो और बहनो, आज मैं तुम्हें बताउंगी कि टेनिस कैसे सुधारा जाए। मैंने सुना है कि बहुत से लोग टेनिस खेलना चाहते हैं, पर ठीक से खेल नहीं पाते। तो सुनो, मैं तुम्हें कुछ ऐसी बातें बताऊंगी जो मैंने सुनी हैं, और जिनसे शायद तुम्हें मदद मिले।
सबसे पहले तो, तुम्हें टेनिस के बारे में थोड़ा जानना होगा। ये खेल बड़ा मजेदार है, पर इसमें ताकत और दिमाग दोनों लगते हैं। जैसे वो कहते हैं ना, “हाथ मजबूत तो बल्ला मजबूत”। वैसे ही, टेनिस में हाथ मजबूत और दिमाग तेज होना चाहिए।
- टेनिस सीखने के लिए सबसे पहले तो तुम्हें रैकेट पकड़ना आना चाहिए। रैकेट ऐसे पकड़ो जैसे चिड़िया को पकड़ते हैं, न ज्यादा जोर से न ज्यादा हल्के से।
- फिर तुम्हें गेंद को मारना सीखना होगा। शुरुआत में धीरे-धीरे मारो, फिर धीरे-धीरे जोर बढ़ाओ।
- और हाँ, दौड़ना भी सीखना होगा। टेनिस में इधर-उधर बहुत भागना पड़ता है। जैसे वो कहते हैं ना, “जितना भागोगे उतना सीखोगे”।
अब सुनो, टेनिस में कुछ खास बातें होती हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए।

पहली बात तो ये है कि तुम्हें गेंद पर ध्यान देना होगा। जब गेंद आए तो उसे ध्यान से देखो और फिर मारो। इधर-उधर मत देखो, नहीं तो गेंद हाथ से निकल जाएगी। जैसे वो कहते हैं ना, “नजर हटी, दुर्घटना घटी”।
दूसरी बात ये है कि तुम्हें अपने पैरों का इस्तेमाल करना होगा। टेनिस में सिर्फ हाथ ही नहीं, पैर भी चलते हैं। सही समय पर सही जगह पर पैर रखो, नहीं तो गेंद तक नहीं पहुंच पाओगे। जैसे वो कहते हैं ना, “पैर नहीं चलेंगे तो बल्ला कैसे चलेगा”।
तीसरी बात ये है कि तुम्हें हार नहीं माननी चाहिए। शुरुआत में हार भी हो सकती है, पर हार मानकर बैठ मत जाना। कोशिश करते रहो, धीरे-धीरे सीख जाओगे। जैसे वो कहते हैं ना, “कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती”।
अब सुनो, टेनिस में कुछ खास तरह के शॉट्स होते हैं। जैसे फोरहैंड, बैकहैंड, सर्विस, वॉली वगैरह। इन सबके बारे में थोड़ा-थोड़ा जान लो।
फोरहैंड वो होता है जब तुम गेंद को अपने सीधे हाथ से मारते हो। बैकहैंड वो होता है जब तुम गेंद को अपने उल्टे हाथ से मारते हो। सर्विस वो होता है जब तुम खेल की शुरुआत करते हो और गेंद को ऊपर फेंक कर मारते हो। और वॉली वो होता है जब तुम गेंद को जमीन पर टप्पा पड़ने से पहले ही मार देते हो।
इन सब शॉट्स को सीखने के लिए तुम्हें अभ्यास करना होगा। रोजाना थोड़ी देर अभ्यास करो, धीरे-धीरे तुम सब सीख जाओगे। जैसे वो कहते हैं ना, “अभ्यास से ही सब कुछ होता है”।

और हाँ, एक बात और। टेनिस में दिमाग भी लगाना पड़ता है। तुम्हें सोचना होगा कि गेंद को कहां मारना है, कैसे मारना है। जैसे वो कहते हैं ना, “दिमाग लगाओगे तो जीतोगे”।
अगर तुम टेनिस में अच्छे बनना चाहते हो तो तुम्हें मेहनत करनी होगी। रोजाना अभ्यास करना होगा, और हार नहीं माननी होगी। जैसे वो कहते हैं ना, “मेहनत का फल मीठा होता है”।
मैंने तो सुना है कि टेनिस में जीतने के लिए कुछ खास तरीके होते हैं। जैसे कि, अपने विरोधी की कमजोरी का पता लगाओ, और फिर उस कमजोरी का फायदा उठाओ। और हाँ, हमेशा अपने खेल पर ध्यान दो, इधर-उधर की बातों पर नहीं। जैसे वो कहते हैं ना, “अपना काम करो, दूसरों की चिंता मत करो”।
अब सुनो, टेनिस खेलते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि, हमेशा सही कपड़े पहनो, आरामदायक जूते पहनो, और खूब पानी पियो। और हाँ, धूप में खेलते समय टोपी जरूर पहनो, नहीं तो बीमार पड़ जाओगे। जैसे वो कहते हैं ना, “स्वास्थ्य ही धन है”।
तो भाइयो और बहनो, मैंने तुम्हें टेनिस सुधारने के बारे में कुछ बातें बताई हैं। अगर तुम इन बातों पर ध्यान दोगे तो जरूर टेनिस में अच्छे बन जाओगे। मुझे उम्मीद है कि तुम्हें मेरी बातें समझ में आई होंगी। अब जाओ, और टेनिस खेलो। और हाँ, हमेशा खुश रहो, और दूसरों को भी खुश रखो। जैसे वो कहते हैं ना, “खुश रहो और खुशियां बांटो”।
और हाँ, एक बात और। टेनिस के बारे में और जानने के लिए तुम किताबें पढ़ सकते हो, वीडियो देख सकते हो, या फिर किसी अच्छे कोच से सीख सकते हो। जैसे वो कहते हैं ना, “सीखने की कोई उम्र नहीं होती”।

अब मैं चलती हूं। फिर कभी मिलूंगी। तब तक के लिए, राम राम।