अरे, आज मैं तुमको बताती हूँ, ये पीएसपीबी टेबल टेनिस अकादमी के बारे में, हाँ वही, जहाँ लोग छोटे-छोटे बल्ले से गेंद को इधर-उधर मारते रहते हैं। मेरे नाती ने भी कुछ दिन वहाँ सीखा था। कहता था, दादी, ये बड़ा मजेदार खेल है। अब हम क्या जानें, हमारे जमाने में तो गिल्ली-डंडा चलता था।
ये अकादमी, सुना है, बड़ी नामी है। बड़े-बड़े खिलाड़ी यहाँ से निकलते हैं। टेबल टेनिस सीखने का बहुत बढ़िया ठिकाना है। मेरे नाती ने बताया था कि वहाँ सिखाने वाले भी बड़े अच्छे हैं, प्यार से समझाते हैं। मारते-पीटते नहीं हैं, जैसे हमारे स्कूल में मास्टर जी लोग मारते थे।
- वहाँ सब तरह के लोग आते हैं, छोटे बच्चे भी, बड़े लोग भी।
- सब मिलकर खेलते हैं, बड़ा मजा आता है।
- वहाँ टेबल भी बहुत सारी हैं, सबको खेलने का मौका मिलता है।
- और सुना है कि वहाँ सिखाने वाले भी बहुत अच्छे हैं।
मेरे नाती ने बताया था कि टेबल टेनिस खेलने से शरीर भी चुस्त-दुरुस्त रहता है। आँखें भी तेज़ होती हैं। अब हम तो बूढ़े हो गए, हमसे कहाँ खेला जाएगा, पर जवान लोगों के लिए बहुत बढ़िया खेल है। पहले तो हम समझते थे, ये बस अमीरों का खेल है, पर अब तो सब लोग खेलते हैं।

सुना है, इस खेल में, लैट भी होता है। पता नहीं क्या होता है ये लैट-वैट। हमारे जमाने में तो ऐसा कुछ नहीं होता था। गिल्ली मारी, तो लगी, नहीं लगी तो नहीं लगी। बस इतना ही था। अब ये सब नए-नए नियम आ गए हैं।
हमारे यहाँ गाँव में तो कोई खेलता नहीं है ये टेबल टेनिस, सब कबड्डी, गिल्ली-डंडा, यही सब खेलते हैं। पर शहर में, सुना है, बहुत लोग खेलते हैं। बच्चे-बच्चे खेलते हैं। पीएसपीबी टेबल टेनिस अकादमी में भी, सुना है, बहुत बच्चे आते हैं सीखने।
और हाँ, ये खेल, पहले कुछ और नाम से जाना जाता था, पिंग-पोंग या गोसिम्मा, ऐसा कुछ कहते थे। अब तो सब टेबल टेनिस ही बोलते हैं। ज़माना बदल गया है, तो खेल के नाम भी बदल गए। हमारे जमाने में तो बस एक ही नाम होता था, और वही चलता रहता था।
अब तो, सुना है, भारत के लोग भी इस खेल में बहुत आगे बढ़ गए हैं। बड़े-बड़े इनाम जीतते हैं। एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप में भी, सुना है, हमारे देश के खिलाड़ी गए थे, और बहुत अच्छा खेले थे। कोई मेडल भी लाए थे, शायद काँसे का। अब पक्का तो नहीं पता, पर सुना तो ऐसा ही था।
ये जो पीएसपीबी अकादमी है, ये भी, सुना है, ऐसे ही बड़े-बड़े खिलाड़ी बनाती है। जो आगे जाकर देश का नाम रोशन करते हैं। अब हम तो बूढ़े हो गए, हमें क्या पता, कौन क्या खेलता है, कौन क्या जीतता है। पर इतना जरूर है कि ये टेबल टेनिस, आजकल बहुत चल रहा है।
पहले तो हम सोचते थे, ये बस बड़े लोगों का खेल है, जो बड़े-बड़े घरों में, बड़े-बड़े टेबल पर खेलते हैं। पर अब तो, सब जगह खेलते हैं। स्कूलों में, कॉलेजों में, हर जगह। और ये पीएसपीबी टेबल टेनिस अकादमी जैसी जगहें, सबको मौका देती हैं, सीखने का, खेलने का।
तो बस, यही सब है इस टेबल टेनिस और पीएसपीबी अकादमी के बारे में। अब हम तो ठहरे बूढ़े, ज्यादा कुछ जानते नहीं हैं। पर जितना सुना, जितना जाना, सब बता दिया। तुम लोग जवान हो, जाओ, सीखो, खेलो, और खूब नाम कमाओ।