अरे हाँ, आजकल के लइकन के फैशन भी गजब है। हमरे जमाने में तो बस धोती कुर्ता पहिन के काम चल जात रहा, अब देखो, फुटबॉल खेले खातिर भी अलग पैंट चाहिए।
फुटबॉल पैंट कहाँ से खरीदें? ई सवाल बड़ा टेढ़ है। हम तो कभी सुने भी नाहीं रहली कि फुटबॉल खातिर अलग पैंट भी आवत है। लेकिन हाँ, आजकल के लइकन के साथे चले खातिर थोड़ा बहुत जान लेवे के पड़ी।
- पहिला बात तो ई कि आजकल सब कुछ ऑनलाइन मिलत है। सुना है कि फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां सब कुछ बेचत हईं। सुना है कि ऊहाँ कपड़ा-लत्ता भी मिलत है। तो एक बार ऊहाँ देख लेवे के चाही।
- दूसरा, सुना है कि मिंत्रा भी कपड़ा-लत्ता खातिर मशहूर है। उहाँ भी देख लेवे के चाही। पता ना, फुटबॉल पैंट मिले कि ना मिले, लेकिन एक बार कोशिश करे में का हरज है।
- तीसरा, सुना है कि खेल-कूद के सामान बेचे वाली भी कुछ दुकान हईं। अगर गाँव-शहर में कहीं होखे तो ऊहाँ भी पता कर लेवे के चाही। सुना है कि डेकाथलन बड़ा दुकान है, ऊहाँ सब तरह के खेल के सामान मिलत ह। तो वहाँ जा के देख सकत हौ।
लेकिन हाँ, एक बात ध्यान रखे के चाही कि ऑनलाइन खरीददारी में थोड़ा झंझट भी है। पहिला बात तो ई कि कपड़ा हाथ से छुए के ना मिले। बस फोटो देख के पसंद करे के पड़ेला। दूसरा, कभी-कभी साइज़ भी गड़बड़ हो जात है। और तीसरा, कभी-कभी सामान आवे में भी देर हो जात है।

ऑनलाइन खरीददारी करे से पहिले कुछ बात ध्यान रखे के चाही:
- सबसे पहिले तो साइज़ ठीक से नाप लेवे के चाही। नाहीं तो पैंट छोट या बड़ हो जाई।
- दूसरा, कीमत भी देख लेवे के चाही। कहीं ऐसा ना हो कि महंगा मिलत होखे।
- तीसरा, रंग और डिज़ाइन भी पसंद आवे के चाही। नहीं तो पहन के मजा ना आई।
- चौथा, रिटर्न पॉलिसी भी देख लेवे के चाही। अगर पैंट पसंद ना आवे तो वापस करे के सुविधा होखे के चाही।
- पांचवां, दुकानदार विश्वासपात्र होखे के चाही। नहीं तो ठगी भी हो सकत है।
अगर ऑनलाइन खरीददारी ना करे के मन होखे तो बाजार भी जा सकत हौ। सुना है कि शहर में बड़े-बड़े दुकान हईं। ऊहाँ सब तरह के कपड़े मिलत हईं। तो वहाँ जा के भी देख सकत हौ। लेकिन हाँ, बाजार जाए में थोड़ा समय और मेहनत जादा लगी। और हाँ, दुकानदार से मोल-भाव भी करे के पड़ी।
हमरे हिसाब से तो सबसे अच्छा ई होई कि पहिले ऑनलाइन देख लेवे के चाही। अगर पसंद आ जाए तो ठीक, नहीं तो बाजार जा के देख लेवे के चाही। और हाँ, फुटबॉल पैंट खरीदे से पहिले अपने लइकन से पूछ लेवे के चाही कि ऊ कइसन पैंट चाहेला। नहीं तो बाद में ऊ शिकायत करी।
फुटबॉल पैंट कई तरह के होत हईं:
कुछ पैंट छोट होत हईं, कुछ लंबा। कुछ पैंट ढीला होत हईं, कुछ टाइट। कुछ पैंट पॉलिएस्टर के होत हईं, कुछ कपास के। तो अपने लइकन के पसंद और जरूरत के हिसाब से पैंट चुने के चाही। अगर गरमी में खेले खातिर पैंट चाही त पतला और ढीला पैंट ठीक रही। और अगर ठंडी में खेले खातिर चाही त मोटा और टाइट पैंट ठीक रही।
और हाँ, एक बात और। फुटबॉल पैंट खरीदे के साथे-साथे फुटबॉल मोजा और जूता भी खरीदे के पड़ी। नहीं तो फुटबॉल खेले में मजा ना आई। सुना है कि सब कुछ एक साथे भी मिलत है। तो एक बार ऊ भी देख लेवे के चाही।

फुटबॉल पैंट की देखभाल कैसे करें:
फुटबॉल पैंट खरीद लेवे के बाद ई जरूरी है कि ओकर ठीक से देखभाल भी करल जाए। नहीं तो ऊ जल्दी खराब हो जाई। पैंट के धोवे के तरीका भी जान लेवे के चाही। सुना है कि बहुत गरम पानी में नाहीं धोवे के चाही। और हाँ, पैंट के सुखावे खातिर धूप में नाहीं डाले के चाही। नहीं तो ओकर रंग उड़ जाई।
चलो, अब हम जा तानी। हमरे लइकन के फुटबॉल पैंट खरीदे के बा। हम पहिले ऑनलाइन देखब, अगर नाहीं पसंद आई त बाजार जाइब। और हाँ, हम अपने लइकन से भी पूछब कि ऊ कइसन पैंट चाहेला। तब जाके पैंट खरीदब।