एशियन यूथ बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2021: म्हारे छोरे-छोरियां का कमाल
अरे हाँ, सुना है के ना? 2021 में दुबई मांय एक बड़ो मुकाबला हुआ था, कुश्ती को। नाम था एशियन यूथ बॉक्सिंग चैंपियनशिप। मने तो घणा दिन पाछै पता चाल्यो, पर म्हारे छोरे छोरियां त कमाल कर दिया वहाँ।
सुणो, यो चैंपियनशिप कोई छोटा-मोटा खेल नी था। यूएई का दुबई शहर मांय हुआ था, अगस्त का महीना मांय। 17 तारीख से 31 तारीख तक घमासान चाल्ल्यो। म्हारा हरियाणा का छोरा-छोरी तो छा गया।

ब्रिजेश टम्टा, आर्यन हुडा, यशवर्धन सिंह, और भी घणे छोरे थे। मने तो सबके नाम भी ना याद। पर या छोरी, गीतिका, उसका नाम याद रह गया। 48 किलो वजन मांय लड़ी थी, इटली की छोरी ने हरा दिया। 5-0 से जीती थी वो। फाइनल में पहुँच गई थी म्हारी छोरी।
म्हारा छोरा-छोरी घणे मैडल जीते, कोई सोना, कोई चांदी, कोई कांसा। सुना है 12 मैडल जीते थे कुल। अब मने के बेरा सोना का ज्यादा मोल होव है के चांदी का, पर मैडल तो मैडल होव है। म्हारे छोरे-छोरी जीते, या म्हारे खातिर घणी बड़ी बात है।
- दुबई मांय हुआ था मुकाबला
- अगस्त का महीना मांय, 17 से 31 तारीख तक
- हरियाणा का छोरा-छोरी जीते घणे मैडल
- गीतिका 48 किलो मांय जीती
- कुल 12 मैडल जीते म्हारे छोरा-छोरियां ने
म्हारा गांव मांय तो कोई घणा पढ़े-लिखे लोग ना है। पर जब म्हारे छोरे-छोरी जीत के आवें है ना, तो सीना चौड़ा हो जावे है। ख़ुशी होवे है। चाहे कुश्ती होवे, चाहे कबड्डी, चाहे दौड़, म्हाने तो गर्व होवे है।
अरे हाँ, एक छोरी और थी, नाम था पूजा रानी। वो भी जीती थी, सोना का मैडल जीती थी। मने तो नाम याद रखने मांय थोड़ी दिक्कत होवे है, पर या छोरी तो कमाल की थी। खूब लड़ी, खूब जीती।
ई चैंपियनशिप मांय तो एशिया भर का छोरा-छोरी आए थे। कोई मंगोलिया से, कोई कहीं से। पर म्हारे हरियाणा का छोरों ने दिखा दिया के हम भी किसी से कम ना है। मने तो सुण के ही मजा आ गया।
एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2021 का नाम लेवे तो म्हाने म्हारे छोरे याद आवें है। वा छोरी, गीतिका, वा छोरा, ब्रिजेश, आर्यन, यशवर्धन, और वा पूजा रानी। सबने खूब मेहनत करी होगी, तब जाके मैडल जीते होंगे।

देखो, म्हाने तो ज्यादा समझ ना है इन खेल-वेल की। पर इतना बेरा है के जीतन खातिर मेहनत करनी पड़े है। म्हारा छोरा-छोरी मेहनत करे है, और जीत के आवें है, तो म्हाने तो ख़ुशी होवे है।
अब आगे भी मुकाबला होवेगा, तो म्हाने तो इंतज़ार रहेगा। म्हारे छोरे-छोरी फिर जीतेंगे, फिर मैडल लाएंगे, और फिर म्हाने गर्व होगा। म्हाने तो बस इतना ही बेरा है के खेलो, जीतो, और देश का नाम रोशन करो।
हरियाणा का छोरा-छोरी का जलवा
म्हारा हरियाणा तो शुरू से ही खेल मांय आगे रहा है। चाहे कुश्ती होवे, चाहे कबड्डी, चाहे हॉकी, चाहे बॉक्सिंग। म्हारे छोरे-छोरी खूब मेहनत करे है, और देश का नाम रोशन करे है। 2021 का एशियन यूथ बॉक्सिंग चैंपियनशिप मांय भी म्हारे छोरों ने कमाल कर दिया। मने तो गर्व होवे है म्हारे छोरे-छोरियां पे।
आगे की राह
अब म्हाने तो यही उम्मीद है के म्हारे छोरे-छोरी आगे भी ऐसे ही खेलते रहेंगे, जीतते रहेंगे, और देश का नाम रोशन करते रहेंगे। म्हाने तो बस इतना ही चाहिए के म्हारे छोरे-छोरी हमेशा खुश रहें, स्वस्थ रहें, और मेहनत करते रहें।

एक आखिरी बात
म्हारा गांव मांय तो कोई घणा सुविधा ना है खेल की। पर फिर भी म्हारे छोरे-छोरी आगे बढ़ रहे है। अगर सरकार थोड़ी मदद कर देवे, तो म्हारे छोरे-छोरी और भी आगे बढ़ सकते है। मने तो यही उम्मीद है के सरकार म्हारे छोरे-छोरियों की मदद करेगी, और उन्हें आगे बढ़ने का मौका देगी।