टेनिस कोर्ट बनाने का खर्चा कितना आता है?
अरे भई, सुनो तो। आजकल सब बड़े लोग बन रहे हैं, टेनिस-वेनिस खेल रहे हैं। हम तो गांव में मिट्टी में खेले, कबड्डी-वुबड्डी। पर अब सब बदल गया है। तो मैंने सोचा, चलो पता करें कि ये टेनिस कोर्ट बनाने में कितना खर्चा-वर्चा आता है। सुना है बहुत पैसा लगता है, पर कितना, ये जानना ज़रूरी है।
देखो भई, ये टेनिस कोर्ट बनाने का काम कोई बच्चों का खेल नहीं है। इसमें बहुत कुछ लगता है। सबसे पहले तो ज़मीन चाहिए, अच्छी खासी। फिर उस ज़मीन को साफ़-सुथरा करना पड़ेगा, गड्ढे-वड्ढे भरने पड़ेंगे। उसके बाद उस पर गिट्टी-विट्टी डालनी पड़ेगी, फिर सीमेंट-वमेंट लगाना पड़ेगा। और हाँ, वो लाल-लाल मिट्टी भी तो लगती है ना, जिस पर गेंद उछलती है। उसको भी तो लाना पड़ेगा।

- ज़मीन का खर्चा
- ज़मीन की सफाई का खर्चा
- गिट्टी, सीमेंट और लाल मिट्टी का खर्चा
- मज़दूरों का खर्चा
- तार-बार लगाने का खर्चा
- लाइट-वाइट लगाने का खर्चा
और हाँ, एक बात तो भूल ही गई। ये जो टेनिस कोर्ट होता है ना, इसके चारों तरफ तार-बार भी तो लगानी पड़ती है, ताकि गेंद इधर-उधर न भागे। और रात में खेलने के लिए लाइट-वाइट भी तो लगानी पड़ेगी। तो ये सब खर्चा भी जोड़ लो। कुल मिलाकर बहुत खर्चा हो जाता है भई।
अब ये खर्चा कितना होगा, ये तो इस बात पर निर्भर करता है कि तुम कैसा कोर्ट बनाना चाहते हो। अगर तुम एकदम पक्का वाला कोर्ट बनाना चाहते हो, जैसे शहरों में होता है, तो बहुत पैसा लगेगा। और अगर थोड़ा सस्ता-वस्ता बनाना चाहते हो, तो थोड़ा कम लगेगा। पर कम भी कितना कम, ये भी तो जानना ज़रूरी है।
मैंने सुना है कि आजकल तो बहुत तरह-तरह के कोर्ट बनने लगे हैं। कोई पक्का बनाता है, कोई कच्चा बनाता है, कोई मिट्टी का बनाता है, कोई सीमेंट का बनाता है। तो हर तरह के कोर्ट का खर्चा अलग-अलग होता है। और हाँ, ये भी सुना है कि आजकल तो लोग घर के अंदर भी टेनिस कोर्ट बना लेते हैं। अब घर के अंदर बनाने में तो और भी ज़्यादा खर्चा होगा।
कम पैसे में टेनिस कोर्ट कैसे बनाएं?
अब भई, जिसके पास ज़्यादा पैसा है, वो तो खूब खर्चा करके बनाएगा। पर जिसके पास कम पैसा है, वो क्या करे? क्या वो टेनिस नहीं खेलेगा? नहीं भई, खेलेगा ज़रूर खेलेगा। कम पैसे में भी टेनिस कोर्ट बन सकता है।
देखो, सबसे पहले तो ये देखो कि तुम्हारे पास ज़मीन कितनी है। अगर ज़्यादा ज़मीन है तो ठीक है, नहीं तो थोड़े में भी काम चल सकता है। फिर ये देखो कि तुम खुद कितना काम कर सकते हो। अगर तुम खुद थोड़ा बहुत काम कर लोगे, जैसे कि ज़मीन साफ़ करना, गिट्टी डालना, तो मज़दूरों का खर्चा थोड़ा कम हो जाएगा।

और हाँ, एक बात और। ये जो सामान-वमान लगता है ना, इसको भी थोड़ा सोच-समझकर खरीदना चाहिए। अगर तुम थोक में खरीदोगे तो सस्ता पड़ेगा। और हाँ, थोड़ा मोल-भाव भी कर लेना चाहिए। दुकानदार तो लूटने को बैठे ही रहते हैं।
मैंने तो ये भी सुना है कि आजकल तो लोग पुराने सामान से भी टेनिस कोर्ट बना लेते हैं। जैसे कि पुराने टायर, पुरानी लकड़ी, पुराने पत्थर। अगर तुम थोड़ा दिमाग लगाओगे तो कम पैसे में भी अच्छा टेनिस कोर्ट बना सकते हो।
टेनिस कोर्ट बनाने के नियम क्या हैं?
अब भई, टेनिस कोर्ट बनाने के भी कुछ नियम-कायदे होते हैं। ऐसा नहीं है कि कहीं भी कुछ भी बना दिया। कोर्ट की लंबाई-चौड़ाई कितनी होनी चाहिए, नेट कितना ऊंचा होना चाहिए, लाइनें कैसी होनी चाहिए, ये सब तय होता है। और हाँ, ये भी सुना है कि आजकल तो अलग-अलग तरह के टेनिस कोर्ट के अलग-अलग नियम होते हैं। तो ये सब भी पता करना पड़ेगा।
पर हाँ, एक बात तो पक्की है। अगर तुम नियम के हिसाब से कोर्ट बनाओगे तो खेलने में भी मज़ा आएगा। और अगर नियम के खिलाफ बनाओगे तो खेलने में मज़ा नहीं आएगा। तो नियम तो मानना ही पड़ेगा। और हाँ, ये भी सुना है की इ अंतर्राष्ट्रीय टेनिस संघ (ILTF) भी कुछ नियम बनाता है। उनके बारे में भी पता कर लेना।
निष्कर्ष

तो भई, अब तो तुम समझ ही गए होगे कि टेनिस कोर्ट बनाने में कितना खर्चा आता है। ये खर्चा इस बात पर निर्भर करता है कि तुम कैसा कोर्ट बनाना चाहते हो, कितना सामान इस्तेमाल करते हो और खुद कितना काम करते हो। अगर तुम थोड़ा दिमाग लगाओगे तो कम पैसे में भी अच्छा टेनिस कोर्ट बना सकते हो। और हाँ, नियमों का भी पालन करना ज़रूरी है।
अब जाओ और पता करो कि तुम्हारे लिए कौनसा वाला ठीक रहेगा। और हाँ, मुझे भी बताना कि तुमने कौनसा बनाया और कितना खर्चा आया। मैं भी सोच रही हूँ कि अपने घर के पीछे थोड़ा सा बना लूं, पोता-पोती खेलेंगे तो अच्छा लगेगा।