Aggie बेसबॉल में “अच्छा” का मतलब का होत है?
अरे हाँ, सुनो! हमरे गाँव में बेसबॉल-वेसबॉल का ज्यादा चलन तो नहीं है, पर हाँ, इतना पता है कि खेल तगड़ा होता है। गेंद बल्ला लेकर दौड़ते भागते हैं। जवान लौंडे खेलते हैं। अब ई “Aggie बेसबॉल” में “अच्छा” का मतलब, ई तो बड़ा भारी भरकम सवाल पूछ लिए। लेकिन सुनो, हम अपनी देसी भाषा में समझाते हैं।
देखो, “Aggie” का मतलब तो हम नहीं जानते, शहर वाले जानें। लेकिन किसी भी खेल में “अच्छा” का मतलब क्या होता है? ई तो सब जानते हैं।

सबसे पहला बात तो ई है कि
जीतना। हाँ हाँ, जीतना ही सबसे बड़ा “अच्छा” होता है। अगर टीम जीत रही है तो सब “अच्छा” है। हार गए तो सब बेकार, चाहे जितना अच्छा खेलो।
- रन बनाना: अगर टीम खूब रन बना रही है, तो समझो “अच्छा” खेल रही है। रन बनेंगे तभी तो जीतेंगे।
- विकेट लेना: गेंद फेंकने वाला अगर सामने वाली टीम के खिलाड़ियों को जल्दी जल्दी आउट कर रहा है, तो वो भी “अच्छा” है।
- फील्डिंग: गेंद पकड़ना, फेंकना, ई सब भी “अच्छा” होना चाहिए। नहीं तो रन और विकेट कैसे मिलेंगे?
अब सुनो, ई तो हो गई खेल की बात। लेकिन “अच्छा” का मतलब और भी होता है। जैसे कि:
मेहनत करना: खिलाड़ी अगर खूब मेहनत कर रहे हैं, मैदान में पसीना बहा रहे हैं, तो वो भी “अच्छा” है। मेहनत करेंगे तभी तो जीतेंगे। हम देखती हूँ खेत मा जब तक काम ना करो तब तक कुछ न होला उसी तरह से खेल मा भी मेहनत चाही।
टीम भावना: सब खिलाड़ी मिल जुलकर खेल रहे हैं, एक दूसरे की मदद कर रहे हैं, तो वो भी “अच्छा” है। अकेले अकेले खेलोगे तो हार जाओगे। हम देखती हूँ गाँव मा सब मिल के काम करते है तभी काम सफल होता है।
खेल भावना: जीत और हार तो लगी रहती है, लेकिन खिलाड़ियों को खेल भावना से खेलना चाहिए। ईमानदारी से खेलना चाहिए। धोखाधड़ी नहीं करनी चाहिए। ई बहुत जरूरी है। हम देखती हूँ गाँव मा लोग खेल को बहुत इज्जत देते हैं चाहे जीते चाहे हारे।

कोच का सिखाना: कोच जो सिखाता है, अगर खिलाड़ी उसको अच्छे से समझ कर मैदान में उतार रहे हैं, तो वो भी “अच्छा” है। कोच का काम ही होता है खिलाड़ियों को सिखाना, और अगर खिलाड़ी सीख रहे हैं तो समझो सब “अच्छा” चल रहा है।
दर्शकों का मज़ा: जो लोग मैच देखने आ रहे हैं, अगर उनको मैच देखकर मज़ा आ रहा है, तो वो भी “अच्छा” है। आखिरकार, खेल तो मनोरंजन के लिए ही होता है।
अगर खेल रोमांचक होगा तो दर्शक भी खुश होंगे।
और अगर दर्शक खुश होंगे तो टीम भी खुश होगी। सब खुश तो सब “अच्छा”।
तो देखो, “Aggie बेसबॉल” में “अच्छा” का मतलब बहुत कुछ होता है। सिर्फ जीतना ही नहीं, बल्कि मेहनत करना, टीम भावना से खेलना, खेल भावना रखना, कोच की बात मानना, और दर्शकों को खुश करना, ये सब भी “अच्छा” होता है।
अब हम का ज्यादा बताएं, हम तो गांव की औरत हैं, ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हैं। लेकिन जितना जानती थी, उतना बता दी। बाकी तो शहर वाले जानें, पढ़े लिखे लोग जानें। लेकिन इतना समझ लो कि “Aggie बेसबॉल” हो या कोई और खेल, अगर टीम अच्छा खेलेगी, तो सब “अच्छा” होगा।

और हाँ, खेल तो खेल होता है, हार जीत तो लगी रहती है। लेकिन अगर खेल भावना से खेलोगे, तो हार कर भी “अच्छा” लगेगा।
बेसबॉल के नियम:
बेसबॉल खेलने के कुछ नियम होते हैं। जैसे बल्ला से गेंद को मारना होता है। फिर दौड़कर रन लेने होते हैं। और हाँ, गेंद फेंकने वाला जब गेंद फेंकता है तो उसको ध्यान से देखना होता है, नहीं तो आउट हो जाओगे। और भी बहुत सारे नियम होते हैं, लेकिन हम का सब बताएं, हमको खुद ही पूरे नहीं पता। लेकिन इतना समझ लो कि नियम के हिसाब से खेलोगे तभी जीतोगे।
नियम सबके लिए बराबर होता है, चाहे बड़ा खिलाड़ी हो चाहे छोटा। नियम का पालन करोगे तो “अच्छा” कहलाओगे।
हमरे हिसाब से तो “Aggie बेसबॉल” में “अच्छा” का मतलब यही सब होता है। बाकी तो भगवान जाने।