अरे हाँ, सुनो सुनो, इंडी बेसबॉल का बारे में बताती हूँ।
ई का है, सुनो, हम बताती हूँ। ई जो बेसबॉल है ना, अमरीका में खूब खेलत हैं। सुना है, बड़का-बड़का लीग भी होत है, जैसे एमएलबी। लेकिन ई इंडी बेसबॉल थोड़ा अलग है।
देखो, एमएलबी तो एकदम बड़का लीग है, जैसे गाँव में बड़का ज़मींदार होत है ना, वइसे ही। उनका पास ढेर पैसा, ढेर ताकत। लेकिन ई इंडी बेसबॉल, ई छोटका किसान जइसन है। मतलब, ई अपने दम पर खेलत है, अपने दम पर बढ़त है।

ई इंडी बेसबॉल का मतलब समझो पहले।
- ई एमएलबी से अलग है।
- ई अपने आप चलत है, अपने आप पैसा इकट्ठा करत है।
- ई छोटे-छोटे शहरों में, गाँव-गाँव में भी खेलत है।
- ई में खेलने वाले लड़के लोग भी नए-नए होत हैं, सीख रहे होत हैं।
अब देखो, बेसबॉल तो सब एक जइसन खेलत हैं। गेंद फेंकत हैं, बल्ला घुमावत हैं, दौड़त हैं। लेकिन फर्क है पैसा और ताकत का। एमएलबी में तो करोड़ों रुपया मिलत है, लेकिन इंडी बेसबॉल में उतना नहीं मिलत। लेकिन मज़ा उतना ही आवत है, ई हम बता सकती हूँ।
बेसबॉल का इतिहास का है, ई भी जान लो।
सुना है, ई खेल इंग्लैंड से आया था। फिर अमरीका में आ के बड़ा लोकप्रिय हो गया। जैसे गाँव में कोई नया आदमी आवत है ना, फिर सबका प्यारा हो जावत है, वइसे ही। अब तो अमरीका में बेसबॉल एकदम धूम धड़ाका से खेलत हैं।
बेसबॉल में होत का का है, ई भी समझ लो।
एक होता है पिचर, जो गेंद फेंकत है। एक होता है बल्लेबाज, जो गेंद को मारत है। फिर होता है बेस, जहाँ दौड़ के जाना होत है। और हाँ, गेंद भी दो तरह का होत है, एक बड़का गेंद, एक छोटका गेंद। बड़का गेंद वाला को बेसबॉल बोलत हैं, छोटका गेंद वाला को सॉफ्टबॉल। ई सब खेल का नियम है, जैसे हर चीज का नियम होत है ना, वइसे ही।

इंडी बेसबॉल का फायदा का है?
देखो जी, ई छोटे-छोटे शहरों के लिए अच्छा है। वहाँ के लोगों को मनोरंजन मिलत है, और लड़के लोगों को खेलने का मौका मिलत है। और हाँ, ई सस्ता भी होत है। एमएलबी का मैच देखने जाओगे तो ढेर पैसा खर्च होगा, लेकिन इंडी बेसबॉल का मैच देखने में उतना पैसा नहीं लगत।
और सुनो, इंडी बेसबॉल टीम के बारे में।
ई जो टीम होत है न, एकदम अपने गाँव के परिवार जैसा होत है। सब खिलाड़ी एक दूसरे को जानते हैं, एक दूसरे की मदद करते हैं। और हाँ, ई टीम में खेलने वाले लड़के लोग बड़े मेहनती होत हैं। काहे कि उनको बड़का लीग में जाने का सपना होत है। जैसे अपने गाँव के लड़के लोग शहर कमाने जाते हैं ना, वइसे ही ई लड़के लोग भी मेहनत करके आगे बढ़ना चाहते हैं।
अच्छा, अब ई बता दूँ कि बेसबॉल और क्रिकेट में फर्क का है?
अरे हाँ, ई तो बड़ा सवाल है। सुना है, दोनों खेल में बल्ला और गेंद से खेलत हैं। लेकिन फर्क ई है कि बेसबॉल में गेंद फेंकने का तरीका अलग है, बल्ला चलाने का तरीका अलग है। और हाँ, बेसबॉल में दौड़ के बेस पर जाना होत है, लेकिन क्रिकेट में दौड़ के रन बनाना होत है। ई सब फर्क है, जैसे अपने गाँव के रीति-रिवाज और शहर के रीति-रिवाज में फर्क होत है ना, वइसे ही।

अब ई बताती हूँ कि ई इंडी बेसबॉल का भविष्य का है?
देखो जी, भविष्य तो कोई नहीं जानत। लेकिन हम ई कह सकती हूँ कि जब तक लोग बेसबॉल को प्यार करेंगे, तब तक ई इंडी बेसबॉल भी जिंदा रहेगा। जैसे अपने गाँव में खेती जिंदा है ना, वइसे ही। ई छोटे-छोटे शहरों की पहचान है, ई नए खिलाड़ियों का सपना है।
तो अब समझ गए न, कि इंडी बेसबॉल का है?
ई एक ऐसा खेल है जो दिल से खेला जाता है, पैसा से नहीं। ई एक ऐसा खेल है जो छोटे-छोटे शहरों को जोड़ता है। ई एक ऐसा खेल है जो नए खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका देता है। बस, ई ही है इंडी बेसबॉल।