अरे, आज मैं तुम लोगों को क्रिकेट बैट के ग्रिप के बारे में बताऊंगी। क्रिकेट बैट का ग्रिप, मतलब पकड़ने वाली जगह, बहुत जरूरी होती है। अगर ग्रिप अच्छी नहीं होगी, तो बल्ला हाथ से फिसल जाएगा और रन नहीं बनेंगे।
क्रिकेट बैट ग्रिप के प्रकार
क्रिकेट बैट ग्रिप कई तरह के होते हैं, जैसे:
- रबर ग्रिप – ये सबसे आम ग्रिप है, जो सस्ते बल्लों में मिलती है। ये रबर की बनी होती है और हाथ में अच्छी पकड़ बनाती है।
- चेव्रोन ग्रिप – इस ग्रिप में रबर के ऊपर छोटे-छोटे उभार होते हैं, जो पकड़ को और मजबूत बनाते हैं। ये थोड़ी महंगी होती है।
- ऑक्टोपस ग्रिप – इस ग्रिप में छोटे-छोटे सक्शन कप जैसे उभार होते हैं, जो गीले हाथों में भी अच्छी पकड़ बनाए रखते हैं। ये थोड़ी और महंगी होती है।
- डायनामिक ग्रिप – ये ग्रिप थोड़ी पतली होती है और इसमें हवा जाने के लिए छेद होते हैं, जिससे हाथ में पसीना कम आता है। ये भी महंगी होती है।
- फिश स्केल ग्रिप- ये देखो, ये वाली ग्रिप मछली की खाल जैसी दिखती है। इसमें भी छोटे-छोटे कट होते हैं, जो पकड़ को मजबूत बनाते हैं।
कौन सी ग्रिप अच्छी है?
देखो, ये तो तुम्हारे हाथ और पसंद पर निर्भर करता है। अगर तुम्हारे हाथ में ज़्यादा पसीना आता है, तो ऑक्टोपस या डायनामिक ग्रिप अच्छी रहेगी। अगर तुम्हें मोटी ग्रिप पसंद है, तो रबर या शेवरॉन ग्रिप ले लो। और हां, ये भी देखो कि बल्ला किस लकड़ी का बना है। इंग्लिश विलो अच्छा होता है, लेकिन महंगा होता है। कश्मीरी विलो थोड़ा सस्ता होता है।

क्रिकेट खेलने से पहले देख लेना चाहिए कि बैट का वजन कितना है। वैसे तो 1.1 किलो से 1.4 किलो तक का बल्ला ठीक रहता है। अगर बल्ला भारी होगा तो शॉट मारना मुश्किल होगा और अगर हल्का होगा तो गेंद दूर नहीं जाएगी।
अच्छा, ये बताओ, तुम्हारे गांव में कौन सबसे अच्छा क्रिकेट खेलता है? हमारे यहां तो रमेश का लड़का, सुरेश, बहुत अच्छा खेलता है। वो जब छक्का मारता है, तो गेंद सीधे खेत में जाकर गिरती है।
और हां, एक बात और, क्रिकेट बैट को हमेशा साफ रखना चाहिए। खेलने के बाद उसे कपड़े से पोंछकर रखो। और ग्रिप खराब हो जाए तो उसे बदलवा लो।
क्रिकेट किट बैग में खिलाड़ी का वह समान होता है, जिससे वह मैदान पर खेल सके। इस सामान में मुख्य रूप से बल्ला, गेंद और अलग-अलग प्रकार के गियर होते हैं।
क्रिकेट खेलते समय हेलमेट भी पहनना चाहिए। गेंद बहुत जोर से लगती है, हेलमेट नहीं पहनोगे तो चोट लग सकती है। और हां, पैड भी पहनना चाहिए।
ये देखो, मैंने तुम्हें क्रिकेट बैट ग्रिप के बारे में सब कुछ बता दिया है। अब जाओ और छक्के-चौके मारो!

अच्छा, अब मैं चलती हूं। गाय को चारा डालना है। फिर मिलेंगे।
क्रिकेट बैट खरीदते समय, यह भी देखना चाहिए कि बल्ला सीधा है या नहीं। अगर बल्ला टेढ़ा होगा, तो शॉट सही नहीं लगेगा। बल्ला खरीदते समय उसे जमीन पर रखकर देखना चाहिए। अगर बल्ला सीधा खड़ा रहता है, तो इसका मतलब है कि वह सीधा है।
बल्ले की लंबाई भी देखनी चाहिए। वैसे तो 38 इंच का बल्ला ठीक रहता है, लेकिन छोटे बच्चों के लिए छोटे बल्ले भी आते हैं।
बल्ला खरीदते समय दुकानदार से पूछ लेना चाहिए कि वह किस लकड़ी का बना है। इंग्लिश विलो अच्छा होता है, लेकिन महंगा होता है। कश्मीरी विलो थोड़ा सस्ता होता है।
क्रिकेट खेलते समय अच्छी क्वालिटी की गेंद का इस्तेमाल करना चाहिए। गेंद अच्छी होगी, तभी तो खेल में मजा आएगा।
क्रिकेट बैट को हमेशा कवर में रखना चाहिए। इससे बल्ला खराब नहीं होगा।

बल्ले पर तेल भी लगाना चाहिए। इससे बल्ला मजबूत रहता है और जल्दी टूटता नहीं है।
क्रिकेट एक मजेदार खेल है। इसे खेलने से शरीर स्वस्थ रहता है और दिमाग भी तेज होता है।
अच्छा बच्चों, अब मैं चलती हूं। बहुत काम पड़ा है। तुम लोग अपना ध्यान रखना और मन लगाकर खेलना।
क्रिकेट के खेल में बल्ला और गेंद दोनों जरूरी होते है। गेंदबाज गेंद से बल्लेबाज़ को आउट करने की कोशिश करते हैं और बल्लेबाज बल्ले से गेंद को मारकर रन बनाते है।
आज के इस लेख में हम आपको क्रिकेट के बल्लों से जुड़ी हुई सभी जानकारियां विस्तार से देंगे।