अरे भाई, सुना है के वो टोक्यो में 2020 में ओलंपिक खेल हुए थे? अब तो पुराना हो गया, पर क्या जोर का तमाशा था! अपने गांव में तो टीवी पे ही देखा हमने।
सुना है कि पूरी दुनिया से लोग आए थे खेलने। बड़े-बड़े खिलाड़ी, ऐसे-ऐसे खेल जो हमने तो कभी देखे भी नहीं थे। और वो जापान वाले भी, क्या बढ़िया इंतजाम किया था उन्होंने।
- वो जो खेल की शुरुआत में जो दिखाते हैं ना, क्या बोलते हैं उसको? हां, मस्कट! वो भी बड़ा प्यारा था।
- सुना है उसका नाम था मिराईतोवा, मतलब आगे का समय, और एक था सोमेटी, ये तो पैरालंपिक वाला था।
- एक दम कार्टून जैसा, रंग बिरंगा। बच्चों को तो बड़ा पसंद आया होगा।
और अपने देश के लोग भी गए थे खेलने। टोक्यो 2020 ओलंपिक में। पूरे 124 खिलाड़ी गए थे। दिल खुश हो गया देख के! उन सब ने खूब मेहनत की, अपने देश का नाम रोशन किया।

अरे, वो एक लड़का था ना, क्या नाम था उसका? हां, नीरज! नीरज चोपड़ा। उसने तो कमाल ही कर दिया। वो भाला फेंकता है ना, उसने सबसे दूर फेंका और जीत गया।
अरे वो सोना, गोल्ड मेडल जीत के लाया। अपने देश में तो ख़ुशी की लहर दौड़ गई। पहली बार कोई भाला फेंक में गोल्ड लाया था।
और भी लोग जीते, वो मीराबाई चानू और रवि कुमार दहिया, इन दोनों ने चांदी जीती, मतलब सिल्वर मेडल।
और पीवी सिंधु, लवलीना, बजरंग पुनिया और अपनी हॉकी टीम, इन सब ने कांसा जीता, मतलब ब्रोंज मेडल।
पूरे सात मेडल जीते अपने देश ने। टोक्यो ओलंपिक में। इतनी खुशी हुई ना, क्या बताएं! ऐसा लगा जैसे हम भी वहीं खड़े होकर देख रहे हैं।
वो टीवी पे दिखा रहे थे ना, कैसे सब लोग तालियां बजा रहे थे, अपने देश का झंडा लहरा रहे थे। वो सब देख के तो आंखों में आंसू आ गए।

अपने देश के खिलाड़ियों ने तो दिल जीत लिया। इन सब ने कितनी मेहनत की होगी, कितना पसीना बहाया होगा, तब जाके ये दिन देखने को मिला।
अरे, तुम लोगों ने देखा था क्या टोक्यो ओलंपिक 2020? नहीं देखा तो क्या देखा! अब तो बस यादें रह गईं हैं। पर क्या बढ़िया यादें हैं, है ना?
वो जापान वालों ने भी खूब अच्छे से सब कुछ किया। साफ-सफाई, रहने का इंतजाम, सब एकदम बढ़िया। और वो लोग भी कितने अच्छे हैं, इज्जत से बात करते हैं।
वहां तो एक वो कागज के साइज़ की बात कर रहे थे, A0 साइज़, बड़ा काम आता है वो वहां। यहाँ अपने यहाँ तो इतना चलन नहीं है उसका।
अब तो बस यही दुआ है कि अपने देश के खिलाड़ी ऐसे ही आगे बढ़ते रहें, और मेडल जीतते रहें। और हम सब ऐसे ही खुश होते रहें, उनका हौसला बढ़ाते रहें।
चलो, अब बहुत बातें हो गईं। अगली बार फिर मिलेंगे, कुछ और किस्से कहानियों के साथ। तब तक के लिए राम-राम!
