अरे, कल रात तो गज़ब हो गया! प्लानो का पुलिस, हाँ वही, प्लानो वाली पुलिस, क्लार्क के फुटबॉल खेल में काहे आई थी, ये तो सब पूछ रहे हैं। अरे, मैं बताती हूँ, मैं सब देखती हूँ, सब सुनती हूँ।
कल शाम का बात है, सब लोग खेल देख रहे थे, और अचानक से, हाँ, एकदम अचानक से, पुलिस की गाड़ियाँ आ गईं। नीली-लाल बत्तियाँ, और वो सायरन, बाप रे! सब डर गए। बच्चे, बूढ़े, जवान, सब इधर-उधर भागने लगे।
मैं तो वहीं, स्टैंड में बैठी थी, पकौड़े खा रही थी। मैंने देखा, पुलिस वाले, हाँ, वही मोटे-मोटे, बंदूक वाले, वो सब खेल के मैदान में घुस गए। अरे, सब लोग डर गए। खेल रुक गया, सब लोग चिल्लाने लगे।

फिर क्या, पता चला, किसी ने झगड़ा कर लिया था। अरे, ये जवान लड़के, खून गरम होता है इनका। छोटी-छोटी बातों पे लड़ पड़ते हैं। अब पुलिस को तो आना ही था।
- कुछ लोग कह रहे थे, किसी ने चोरी की थी।
- कुछ कह रहे थे, बंदूक चल गई थी।
- अरे, अफवाहों का क्या, यहाँ तो सब गप्पें मारते हैं।
लेकिन मैं बताती हूँ, मैंने अपनी आँखों से देखा, दो लड़के लड़ रहे थे। और फिर, उनके दोस्त भी आ गए, और फिर, बस, हो गया हंगामा। प्लानो पुलिस तो बेचारी क्या करती, उनको तो बुलाना ही पड़ा।
फिर पुलिस वाले उन लड़कों को पकड़ के ले गए। हाँ, हथकड़ी लगा के, जैसे चोर-उच्चकों को ले जाते हैं। अरे, शर्म आनी चाहिए इनको। खेल के मैदान में ये सब करते हैं।
अब देखो, प्लानो पुलिस क्लार्क के खेल में आई, तो कुछ वजह तो होगी। ये तो है नहीं कि उनका मन किया और वो चले आए। जरूर कुछ गड़बड़ हुई होगी।
लेकिन मुझे लगता है, ये आजकल के बच्चे बिगड़ गए हैं। हाँ, बिलकुल बिगड़ गए हैं। माँ-बाप का कहना नहीं मानते, टीचर की सुनते नहीं, और फिर, ये सब करते हैं।
अब कल रात को ही देख लो, क्लार्क का फुटबॉल खेल था, सब लोग मज़े कर रहे थे, और इन लड़कों ने सब खराब कर दिया। पुलिस बुलानी पड़ी, खेल रोकना पड़ा, और सब लोग डर गए।
मैं तो कहती हूँ, इन लड़कों को सज़ा मिलनी चाहिए। हाँ, कड़ी सज़ा, ताकि इनको अकल आए। और माँ-बाप को भी ध्यान देना चाहिए, अपने बच्चों पे।
ये प्लानो पीडी, हाँ, पुलिस वाले, वो तो अपना काम कर रहे थे। उनको तो जो हुकुम मिलेगा, वो करेंगे। लेकिन हम लोगों को भी सोचना चाहिए, कि हम अपने बच्चों को क्या सिखा रहे हैं।
अब क्या बोलूं, जमाना खराब हो गया है। पहले ऐसा नहीं होता था। हम लोग तो खेल को खेल की तरह देखते थे। लड़ाई-झगड़ा नहीं करते थे।
खैर, छोड़ो, अब जो हो गया, सो हो गया। लेकिन ये याद रखना, पुलिस ऐसे ही नहीं आती। कुछ होता है, तभी आती है। और हम सबको, हाँ, हम सबको ध्यान रखना चाहिए, कि ऐसी नौबत ही ना आए।
अब मैं क्या बताऊँ, प्लानो का पुलिस आयी थी क्लार्क के फुटबॉल खेल में। किसीने झगड़ा किया होगा, या किसीने फ़ोन करके बुलाया होगा। जवान खून है, बच्चे सब लड़ते रहते हैं, क्या बोलूं अब मैं। प्लानो पुलिस तो बेचारी क्या ही करती, उनको तो आना ही था ना। खेल रुक गया, सब लोग इधर उधर भागे। अब और क्या बताऊँ, जो हुआ सो हुआ, अब आगे भगवान् जाने।