अरे हाँ, सुनो, आजकाल सब लोग टेनिस-वेनिस के बारे में बतिया रहे हैं। हम सोचे चलो हम भी थोड़ा ज्ञान बघार दें। अब ई टेनिस कोर्ट बनवाने का खर्चा-वर्चा कितना आता है, ई तो बड़ा टेढ़ा सवाल है।
देखो, ई टेनिस-वेनिस का खेल बड़े लोग खेलते हैं। बड़े शहरों में होता है न, वही। हम तो गाँव-देहात के लोग हैं, हमको कहाँ पता ई सब। लेकिन सुने हैं कि ई कोर्ट-वोर्ट बड़ा लम्बा-चौड़ा होता है। कोई कहता है 78 फुट लम्बा, कोई कहता है 27 फुट चौड़ा। अब सिंगल खेलो तो इतना, डबल खेलो तो और चौड़ा। हमको क्या पता कितना चौड़ा होता है।
- एक तो मिट्टी वाला कोर्ट होता है। सुने हैं, इसमें बहुत ताम-झाम होता है। पहले पत्थर-वत्थर कूटना पड़ता है, फिर पता नहीं क्या-क्या करते हैं।
- एक सुना है पक्का वाला कोर्ट भी होता है। ई तो और महंगा होता होगा। सीमेंट-वमेंट लगता होगा, तारकोल-वारकोल लगता होगा।
- और एक सुना है घास वाला कोर्ट भी होता है, लेकिन ई हम अपने गाँव मे कभी नहीं देखे हैं।
अब ई कोर्ट बनाने में कितना खर्चा आएगा, ई तो इस बात पर निर्भर करता है कि तुम कैसा कोर्ट बनवाना चाहते हो। मिट्टी वाला बनवाओगे तो थोड़ा सस्ता पड़ेगा। पक्का वाला बनवाओगे तो जेब ढीली करनी पड़ेगी। और हाँ, जगह भी तो होनी चाहिए ना। अब तुम्हारे पास जमीन ही नहीं है तो कोर्ट कहाँ बनाओगे? ई सब बड़े लोगों के चोंचले हैं। हमको क्या, हम तो खेत-खलिहान में दौड़ लेते हैं, वही हमारा कोर्ट है।

सुने हैं कि बड़े-बड़े स्टेडियम में भी कोर्ट होता है। वहाँ तो और भी बड़ा-बड़ा होता होगा। अब ई सब शहरों में होता है। हमारे गाँव में तो एक ठो स्कूल है, उसमें भी टेनिस-वेनिस का कोई नामोनिशान नहीं है। हमारे बच्चे तो कबड्डी खेलते हैं, खो-खो खेलते हैं, गुल्ली-डंडा खेलते हैं। ई टेनिस-वेनिस तो अमीरों का खेल है।
अब ई खर्चा-वर्चा का हिसाब-किताब तो हमको नहीं पता। लेकिन इतना जरूर पता है कि ई सब काम महंगा होता है। मजदूर लगेंगे, मिस्त्री लगेंगे, सामान लगेगा। और हाँ, ई टेनिस का बल्ला भी तो महंगा आता है। सुने हैं, हजारों रुपये का आता है। और गेंद भी महंगी आती है। ई सब खेल महंगा है भैया।
लोग कहते हैं टेनिस-वेनिस खेलने से सेहत अच्छी रहती है। अब ई तो हमको नहीं पता। हम तो दिन भर खेत में काम करते हैं, हमारी सेहत तो ऐसे ही अच्छी रहती है। लेकिन हाँ, बड़े लोग खेलते हैं तो कुछ तो अच्छा होगा ही। अब ई कोर्ट बनवाने का खर्चा कितना आएगा, ई तो तुम उनसे ही पूछो जो बनवाते हैं। हमको क्या पता। हम तो अपने काम से काम रखते हैं। ई टेनिस-वेनिस हमारे बस की बात नहीं है।
हाँ, एक बात और सुने हैं कि ई टेनिस का खेल पूरी दुनिया में खेला जाता है। बड़े-बड़े खिलाड़ी होते हैं, उनका नाम होता है, पैसा कमाते हैं। लेकिन हमको क्या, हमको तो अपना खेती-बाड़ी प्यारा है। ई टेनिस-वेनिस से हमारा क्या लेना-देना। लेकिन हाँ, अगर तुमको कोर्ट बनवाना है तो पहले अच्छे से पता कर लेना कि कितना खर्चा आएगा। नहीं तो बाद में पछताना पड़ेगा। और हाँ, जगह भी देख लेना, नहीं तो कोर्ट बनाओगे कहाँ।
सुना है कि आजकल लोग अपने घर में भी कोर्ट बनवा लेते हैं। अब ई तो उनकी मर्जी है। हमको क्या। हम तो अपने घर में गाय-भैंस रखते हैं, उनका दूध निकालते हैं, बेचते हैं, अपना गुजारा करते हैं। ई टेनिस-वेनिस तो बड़े लोगों के लिए है। लेकिन हाँ, अगर तुम्हारे पास पैसा है, जगह है, और टेनिस खेलने का शौक है, तो जरूर बनवाओ। कौन मना करता है। हमको क्या, हम तो बस इतना ही कहेंगे कि सोच-समझ कर फैसला लेना।