अरे हाँ, पोकेमोन मैसेज टोन के बारे में बताना है।
आजकल के छोटे-छोटे लौंडे-लौंडिया, ये सब फोन में घुसे रहते हैं। हम तो ठहरे पुराने जमाने के लोग, चिट्ठी-पत्री भेजते थे, तार भेजते थे। अब तो सब बदल गया है। ये मोबाइल में क्या-क्या होता रहता है, समझ में नहीं आता। लेकिन इतना पता है कि ये जो टोन-वोन बजता है ना, ये बड़ा जरूरी होता है इनके लिए।
अब ये पोकेमोन क्या है, ये तो मैं नहीं जानती। हाँ, इतना सुना है कि ये कोई कार्टून जैसा है, टीवी पे आता था पहले। बच्चे बड़े चाव से देखते थे। अब वो बच्चे बड़े हो गए हैं, तो भी ये पोकेमोन का भूत उनके सिर से नहीं उतरा है। अब ये मैसेज टोन में भी पोकेमोन घुसेड़ दिए हैं।

पोकेमोन मैसेज टोन कैसे सेट करें?
- पहले तो ये मोबाइल खोलो। हाँ, हाँ, वही जो हाथ में लिए बैठे हो।
- फिर इसमें सेटिंग ढूंढो। सेटिंग कहाँ है? अरे, वो चकरी जैसा निशान बना होगा ना, वही।
- सेटिंग में जाकर देखो, कहीं साउंड या आवाज लिखा होगा। मिल गया?
- अब इसमें मैसेज टोन या नोटिफिकेशन टोन लिखा होगा। उसको दबाओ।
- वहाँ बहुत सारे टोन होंगे। अगर पोकेमोन वाला टोन है, तो उसको चुन लो। नहीं है, तो डाउनलोड करना पड़ेगा।
- डाउनलोड करने के लिए वो इंटरनेट वाला गोला-गोला जो बना है ना, उस पर जाओ। वहाँ लिखो “पोकेमोन मैसेज टोन”। ढेर सारे मिल जाएँगे।
- फिर जो पसंद आए, उसको डाउनलोड कर लो। और फिर सेटिंग में जाकर उसको सेट कर लो।
इतना आसान है। लेकिन हम तो ठहरे अनपढ़ गँवार, हमें कहाँ इतना समझ में आता है। ये तो बच्चे लोग हैं, जो फटाफट सब कर लेते हैं।
पोकेमोन मैसेज टोन के फायदे और नुकसान क्या हैं?
अब फायदे-नुकसान की बात करें, तो हमें क्या पता। हम तो इतना जानते हैं कि अगर ये टोन बजेगा, तो पता चल जाएगा कि कोई मैसेज आया है। चाहे वो पोकेमोन का हो या किसी और का, क्या फर्क पड़ता है। हाँ, ये जरूर है कि ये पोकेमोन वाला टोन थोड़ा अलग होता है। बच्चों को पसंद आता होगा।
लेकिन नुकसान भी हो सकता है। मान लो, कोई जरूरी मीटिंग में बैठे हो, और जोर से पोकेमोन वाला टोन बज जाए, तो कैसा लगेगा? लोग हँसेंगे ना? या फिर रात को सो रहे हो, और अचानक से पोकेमोन चिल्लाने लगे, तो नींद खराब हो जाएगी।
पोकेमोन मैसेज टोन कहाँ से डाउनलोड करें?

ये तो मैंने पहले ही बता दिया। इंटरनेट पे जाओ, और वहाँ “पोकेमोन मैसेज टोन” लिखो। ढेर सारी वेबसाइटें मिल जाएँगी। वहाँ से डाउनलोड कर लो। लेकिन हाँ, ध्यान रखना, कहीं गलत जगह से डाउनलोड मत कर लेना। नहीं तो मोबाइल में वायरस आ जाएगा।
क्या पोकेमोन मैसेज टोन रखना सही है?
अब ये तो अपनी-अपनी पसंद की बात है। किसी को पसंद आता है, किसी को नहीं। बच्चों को पसंद आता है, तो रखने दो। हमें क्या? हाँ, अगर कोई बड़े लोग भी पोकेमोन वाला टोन रखते हैं, तो थोड़ा अजीब लगता है। लेकिन क्या करें, आजकल के लोग तो ऐसे ही हैं।
पोकेमोन मैसेज टोन के अलावा और कौन-कौन से टोन हैं?
अरे, टोन की क्या कमी है? तरह-तरह के टोन होते हैं। कोई गाने वाला टोन रखता है, कोई सीटी वाला टोन रखता है, कोई घंटी वाला टोन रखता है। हम तो ठहरे पुराने जमाने के लोग, हमें तो वो ट्रिन-ट्रिन वाली घंटी ही पसंद है। लेकिन आजकल के लोग तो पता नहीं क्या-क्या रखते हैं।
पोकेमोन मैसेज टोन से जुड़ा कुछ और?

हाँ, एक बात और। ये जो पोकेमोन वाले टोन होते हैं ना, ये अलग-अलग तरह के होते हैं। कोई पिकाचू की आवाज वाला होता है, कोई किसी और पोकेमोन की आवाज वाला होता है। तुम अपनी पसंद का कोई भी टोन रख सकते हो।
चलो, अब बहुत हो गया। इतनी देर से ये पोकेमोन-पोकेमोन कर रही हूँ, मेरा सिर दुखने लगा। तुम लोग जानो और तुम्हारा काम जाने। हमें तो बस इतना पता था कि ये टोन-वोन कैसे सेट करते हैं, सो बता दिया। अब तुम चाहे पोकेमोन रखो, चाहे कुछ और रखो, हमें क्या करना।