काय रे भाई, टेनिस में ‘एड’ का मतलब का होत है?
अरे हाँ, सुना है टेनिस-वेनिस खेलते हैं बड़े लोग। हम तो गांव में कबड्डी और गुल्ली-डंडा खेले हैं, ये टेनिस-वेनिस का ज्यादा पता नहीं। पर हाँ, इतना पता है कि इसमें भी गिनती-गिनती का खेल होता है। जैसे कबड्डी में बोलते हैं ना ‘एक पाला’, ‘दो पाला’, वैसे ही इसमें भी कुछ ‘पॉइंट-वॉइंट’ बोलते हैं।
अब ये ‘एड’ क्या होता है, ये तो हमें भी नहीं पता था। लेकिन सुना है कि जब दोनों खिलाड़ी बराबर-बराबर ‘पॉइंट’ बना लेते हैं, तब ये ‘एड’ वाला चक्कर आता है।

- टेनिस का थोड़ा बहुत ज्ञान
देखो भाई, टेनिस में दो जने खेलते हैं। आमने-सामने खड़े होकर एक ठो गेंद को इधर-उधर मारते हैं। बीच में एक ठो जाल लगा रहता है, उसके ऊपर से गेंद को पार कराना होता है। अगर गेंद जाल में फंस गई या बाहर चली गई, तो दूसरे वाले को ‘पॉइंट’ मिल जाता है।
अब ये ‘पॉइंट’ कैसे गिनते हैं, ये भी बड़ा लफड़ा है।
पहले बोलते हैं ‘पंद्रह’, फिर ‘तीस’, फिर ‘चालीस’ और फिर सीधा ‘गेम’।
हाँ हाँ, ऐसे ही बोलते हैं। अब हम तो गांव के लोग हैं, हमें तो ये गिनती समझ में नहीं आती। पर जो भी है, ऐसा ही बोलते हैं।
- ‘एड’ का चक्कर
अब मान लो, दोनों खिलाड़ी ‘चालीस-चालीस’ पर पहुँच गए। तब बोलते हैं ‘ड्यूस’। मतलब, दोनों बराबर हैं। अब यहाँ से शुरू होता है ‘एड’ का खेल।
‘ड्यूस’ होने के बाद, जिसको अगला ‘पॉइंट’ मिलता है, उसको बोलते हैं ‘एडवांटेज’। मतलब, वो एक ‘पॉइंट’ से आगे हो गया। अब अगर वो अगला ‘पॉइंट’ भी जीत गया, तो उसको ‘गेम’ मिल जाता है। लेकिन अगर वो अगला ‘पॉइंट’ हार गया, तो फिर से ‘ड्यूस’ हो जाता है।

मतलब, जब तक कोई लगातार दो ‘पॉइंट’ नहीं जीत लेता, तब तक ‘गेम’ नहीं मिलता। और ये जो ‘एडवांटेज’ वाला चक्कर है, इसी को शॉर्टकट में ‘एड’ बोलते हैं।
गाँव का खेल और टेनिस
हम तो गांव के लोग हैं, भाई। हम तो कबड्डी, गुल्ली-डंडा, खो-खो यही सब खेले हैं। ये टेनिस-वेनिस तो बड़े लोगों का खेल है। पर हाँ, खेल तो खेल होता है। चाहे गांव में खेलो या शहर में, मज़ा तो आता ही है।
और हाँ, ये जो ‘एड-वेड’ का चक्कर है, ये तो शहरों में होता होगा। हमारे गांव में तो सीधा-सीधा हिसाब है। जो जीता वो जीता, जो हारा वो हारा।
टेनिस के नियम और रैकेट
सुना है टेनिस में रैकेट से गेंद को मारते हैं। हम तो कभी रैकेट देखे भी नहीं थे। हाँ, एक बार शहर गए थे तो टीवी में देखा था। बड़ा भारी भरकम रैकेट होता है। और गेंद भी छोटी सी होती है।

अब ये रैकेट कैसे पकड़ते हैं, कैसे मारते हैं, ये सब तो हमें नहीं पता। पर सुना है कि इसमें भी बहुत नियम-कानून होते हैं। गेंद को कहाँ मारना है, कहाँ नहीं मारना है, ये सब तय होता है।
हमारे गांव में तो ऐसा कुछ नहीं होता था। गुल्ली-डंडा खेलते थे तो बस डंडे से गुल्ली को मारते थे। जिधर मन किया उधर मारते थे। कोई नियम-कानून नहीं था।
टेनिस मैच का शुरुआत
सुना है कि टेनिस मैच की शुरुआत में सिक्का उछालते हैं। जो सिक्का जीतता है, वो तय करता है कि कौन पहले गेंद मारेगा और कौन दूसरी तरफ रहेगा। अब ये सिक्का उछालना तो हम भी जानते हैं। बचपन में बहुत बार सिक्का उछाला है।
लेकिन टेनिस में सिक्का उछालकर क्या करते हैं, ये हमें अब पता चला है। मतलब, हर खेल का अपना-अपना तरीका होता है।
भारतीय टेनिस खिलाड़ी

सुना है कि अपने देश में भी कुछ लोग टेनिस खेलते हैं। नाम भी सुना है उनका। लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा ऐसे ही कुछ नाम हैं। ये लोग तो बड़े खिलाड़ी हैं। देश-विदेश में जाकर खेलते हैं।
हम तो गांव में ही रह गए। कभी टेनिस-वेनिस खेलने का मौका ही नहीं मिला। पर हाँ, इन खिलाड़ियों का नाम सुनकर अच्छा लगता है। लगता है कि अपने देश के लोग भी हर खेल में आगे बढ़ रहे हैं।
टेनिस कैसे जीते
सुना है कि टेनिस में जीतने के लिए 11 पॉइंट बनाने होते हैं। अब ये पॉइंट कैसे बनते हैं ये तो हमें ज्यादा नहीं पता। लेकिन इतना समझ गए हैं कि गेंद को सही जगह पर मारना होता है और दूसरे वाले को नहीं मारने देना होता है।
कबड्डी में भी तो ऐसे ही होता है। दूसरे वाले को पकड़ना होता है और अपनी तरफ खींचना होता है। मतलब, हर खेल में जीतने के लिए मेहनत करनी होती है और दिमाग लगाना होता है।
एड का महत्व

तो भाई, अब समझ में आया कि ‘एड’ का मतलब क्या होता है। ये बस इतना बताता है कि कौन खिलाड़ी एक ‘पॉइंट’ से आगे है। जब तक कोई लगातार दो ‘पॉइंट’ नहीं जीत लेता, तब तक ‘गेम’ नहीं मिलता। और हाँ, ये जो ‘एडवांटेज’ वाला चक्कर है, इसी को शॉर्टकट में ‘एड’ बोलते हैं। अब समझ गए ना?
निष्कर्ष
टेनिस एक दिलचस्प खेल है। इसके अपने नियम और कायदे हैं। ‘एड’ शब्द टेनिस के स्कोरिंग सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह गेम को रोमांचक बनाता है।
हम गांव वाले लोग हैं। हम तो अपने देसी खेल ही अच्छे लगते हैं। पर दुनिया में क्या-क्या होता है, ये जानना भी जरूरी है। अब कोई पूछेगा कि ‘एड’ का मतलब क्या होता है, तो हम बता तो सकेंगे।