अरे हाँ, सुनो सुनो, एआईबीए वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2017 की बात है। ई तो बड़ा धमाकेदार मुकाबला हुआ था। हम तो गाँव के लोग हैं, ज्यादा समझते नहीं, पर देखा तो टी.वी. पे था, और सुना भी बहुत।
सुना है कि अपने देश के लड़के भी गए थे वहाँ मुक्के बाजी करने। वो पंघाल है न, वही लड़का। 2017 में तो वो नया-नया था, फिर भी सोना का पदक जीत लिया था अपने देश में। फिर सुना कि ताशकंद में भी गया था, उधर भी बढ़िया खेला।
अब ई मुक्केबाजी का खेल है न, ई तो बड़ा ताकत वाला खेल है। दोनों पहलवान एक दूसरे को धड़ाधड़ मुक्के मारते हैं। हम तो डर के मारे आँखें बंद कर लेते थे कभी-कभी। पर देखने में मजा भी बहुत आता था।

एक और लड़का था, वो सचिन नाम का। उ तो छोटा सा ही था, पर मुक्के ऐसे मारता था जैसे कोई बड़ा पहलवान हो। सुना है कि पोलैंड में भी वो गया था खेलने।
- मुक्केबाजी देखना बड़ा मजेदार होता है।
- अपने देश के लड़के भी बहुत अच्छा खेले।
- पंघाल और सचिन ने तो कमाल कर दिया।
और हाँ, सुना है कि अमरीका में भी अपने देश के लड़के-लड़कियां गए थे खेलने। उधर भी सोना का पदक जीते। ग्रेवाल, गोस्वामी, और सांगवान, ये सब नाम तो हमने पहली बार सुने थे, पर खेलते हुए देखा तो दिल खुश हो गया।
ई जो एआईबीए वर्ल्ड चैंपियनशिप है न, ई तो बड़ी इज्जत की बात है। दुनिया भर के पहलवान आते हैं इसमें खेलने। और जो जीतता है, उसका तो नाम हो जाता है। अपना देश का नाम भी ऊँचा हो जाता है।
अरे हाँ, एक बात और बताऊँ। सुना है कि इस बार मैरी कॉम को भी बड़ा जिम्मेदारी दिया गया था। वो तो खुद भी बड़ी पहलवान है। अब ई पहलवानों का खेल है, ई तो समझना मुश्किल है, पर देखने में मजा आता है, ये तो सच है।
और हाँ, सुना है कि अपने देश के लड़के-लड़की इतने पदक जीते कि सब देशों से आगे निकल गए। आठ सोना का, और तीन कांस्य का, कुल मिलाकर ग्यारह पदक। ई तो गर्व की बात है अपने लिए।
ई मुक्केबाजी का खेल है न, ई तो हिम्मत और ताकत वाला खेल है। डरपोक लोग तो ई खेल नहीं खेल सकते। और जो खेलता है, वो बड़ा बहादुर होता है।

हम तो गाँव के लोग हैं, ज्यादा समझते नहीं, पर इतना जरूर समझते हैं कि मेहनत करने से ही सफलता मिलती है। चाहे वो खेती हो, या मुक्केबाजी, या कुछ और। मेहनत करोगे तो जरूर सफल होगे।
और हाँ, एक बात और कहनी है। खेलना तो अच्छी बात है, पर पढ़ाई-लिखाई भी जरूरी है। पढ़ोगे-लिखोगे तभी तो दुनिया को समझोगे। और समझोगे तभी तो आगे बढ़ोगे।
तो भई, इतना ही कहना था हमको एआईबीए वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2017 के बारे में। हम तो गाँव के लोग हैं, ज्यादा जानते नहीं, पर जितना देखा-सुना, उतना बता दिया। अब तुम लोग जानो।