अरे यारों, आज मैं तुम्हें बताऊंगा कि मैंने WWE की असलियत का पता कैसे लगाया। तुम लोग भी जानना चाहते हो ना कि ये WWE वाले सच में लड़ते हैं या सब नौटंकी है? तो चलो, शुरू करते हैं।
सबसे पहले तो मैंने WWE के बहुत सारे मैच देखे। टीवी पर, इंटरनेट पर, हर जगह। देखते-देखते मुझे कुछ चीज़ें अजीब लगने लगीं। जैसे, ये पहलवान इतनी ज़ोर से मार खाते हैं, फिर भी अगले ही दिन एकदम फिट कैसे हो जाते हैं? और ये जो खून निकलता है, वो असली होता है क्या?
फिर मैंने थोड़ी रिसर्च की। गूगल बाबा से पूछा, किताबें पढ़ीं, और कुछ पुराने पहलवानों के इंटरव्यू भी देखे। पता है क्या पता चला? कि WWE में जो कुछ भी होता है, वो सब पहले से तय होता है। कौन जीतेगा, कौन हारेगा, कौन कैसे चोट खाएगा, सब कुछ स्क्रिप्टेड होता है।

अब तुम कहोगे, “ये तो धोखा है!” अरे नहीं यारों, धोखा नहीं, ये तो एंटरटेनमेंट है। WWE वाले खुद कहते हैं कि ये स्पोर्ट्स एंटरटेनमेंट है, मतलब खेल और मनोरंजन का मिक्सचर। वो लोग हमें कहानी सुनाते हैं, एक्शन दिखाते हैं, और हमारा मनोरंजन करते हैं।
मैंने ये सब जानने के बाद भी WWE देखना बंद नहीं किया। क्योंकि अब मुझे समझ आ गया था कि ये सब ड्रामा है, असली लड़ाई नहीं। और इस ड्रामे में भी मज़ा है। वो लोग जो स्टंट करते हैं, जो एक्टिंग करते हैं, वो भी आसान काम नहीं है।
तो यारों, ये थी मेरी WWE की असलियत जानने की कहानी। अब तुम भी समझ गए ना कि WWE असली है या नकली? चलो, अब जाकर एक मैच देखते हैं और मज़े करते हैं!
कुछ मजेदार बातें जो मैंने नोटिस कीं:
- पहलवान एक-दूसरे को मारने से पहले इशारे करते हैं।
- रेफरी भी नाटक में शामिल होता है।
- कुछ पहलवान तो इतने ओवरएक्टिंग करते हैं कि हंसी आ जाती है।
तो यारों, WWE देखो और मज़े करो, लेकिन ये मत समझना कि वो सच में लड़ रहे हैं। ये सब एंटरटेनमेंट है, और एंटरटेनमेंट के लिए तो हम कुछ भी देख सकते हैं, है ना?