नमस्ते दोस्तों, आज मैं आपको टेनिस के बारे में एक मज़ेदार चीज़ बताने वाला हूँ, जिसके बारे में मैंने हाल ही में जाना है। तो, मैं एक दिन अपने दोस्त के साथ टेनिस खेल रहा था, और हम दोनों ही कुछ ख़ास खिलाड़ी नहीं हैं, बस शौकिया खेलते हैं। हम खेलते-खेलते एक ऐसे पॉइंट पर पहुँच गए जहाँ स्कोर 40-40 हो गया।
अब मुझे थोड़ा-बहुत तो पता था कि 40-40 को ‘ड्यूस’ कहते हैं, लेकिन इसके बाद क्या होता है, ये मुझे ठीक से नहीं पता था। तो, हम खेलते रहे, और मैंने एक पॉइंट जीत लिया। मुझे लगा, “बस, अब तो गेम जीत गया!” लेकिन मेरा दोस्त बोला, “अरे, अभी नहीं, अब ‘एडवांटेज’ है।”
मैं सोच में पड़ गया, “ये ‘एडवांटेज’ क्या बला है?” तो, मेरे दोस्त ने मुझे समझाया कि ‘ड्यूस’ के बाद जो भी खिलाड़ी अगला पॉइंट जीतता है, उसे ‘एडवांटेज’ मिल जाता है। अब ये सुनकर मुझे थोड़ा मज़ा आने लगा। मैंने फिर से पूरी ताकत से खेला, और अगला पॉइंट भी जीत लिया। और तब जाकर मुझे गेम मिला।

अब मैंने इस ‘एडवांटेज’ वाली चीज़ को थोड़ा और जानने की कोशिश की।
- खेलते-खेलते सीखा: सबसे पहले तो मैंने खुद खेलकर ये चीज़ सीखी। जब स्कोर 40-40 हो जाए, तो समझो ‘ड्यूस’ है। फिर जो अगला पॉइंट जीतेगा, उसे ‘एडवांटेज’ मिलेगा।
- दोस्त से पूछ-ताछ की: मेरे दोस्त को मुझसे थोड़ा ज़्यादा पता था, तो उसने मुझे समझाया कि अगर ‘एडवांटेज’ वाला खिलाड़ी अगला पॉइंट हार जाता है, तो फिर से ‘ड्यूस’ हो जाता है।
- थोड़ा गूगल भी किया: मैंने थोड़ा इंटरनेट पर भी सर्च किया, तो पता चला कि ‘एडवांटेज’ को ‘ऐड’ भी कहते हैं। और अगर सर्वर ‘ड्यूस’ वाला पॉइंट जीतता है, तो उसे ‘ऐड इन’ कहते हैं।
अब ये सब जानने के बाद मुझे टेनिस खेलने में और भी मज़ा आने लगा है। ये ‘एडवांटेज’ वाला सिस्टम बड़ा ही रोमांचक है। कभी लगता है कि बस जीतने ही वाले हैं, और फिर अगले ही पल सब कुछ बराबर हो जाता है।
तो दोस्तों, अगर आप भी टेनिस खेलते हैं, तो इस ‘एडवांटेज’ वाली बात को ज़रूर ध्यान में रखना। ये आपके खेल को और भी मज़ेदार बना देगा। और हाँ, अगर आपको कुछ और भी पता है इस बारे में, तो मुझे भी बताना।