अरे हाँ, सुनो सुनो, आज बात करेंगे ये टेनिस में पुशर का होता है। मैं का जानूँ टेनिस-वेनिस, पर सुना है बड़ा खेल है। पुशर, पुशर… नाम से ही लगता है धक्का-मुक्की करने वाला होगा कोई।
देखो, मैंने सुना है कि टेनिस में ना बड़े-बड़े खिलाड़ी होते हैं। एकदम जोरदार शॉट मारते हैं, धड़ाम-धड़ाम गेंद जाती है। लेकिन ये पुशर, ये थोड़ा अलग किस्म का खिलाड़ी होता है। ये का करता है, ज्यादा जोर नहीं लगाता। आराम से, धीरे-धीरे गेंद को इधर-उधर टपकाता रहता है।
- एकदम थकाऊ खेल खेलता है।
- सामने वाले को खूब दौड़ाता है।
- ज्यादा रिस्क नहीं लेता।
अब तुम सोचोगे कि इतना धीरे-धीरे खेलने वाला कैसे जीत जाता होगा? यही तो बात है! ये पुशर लोग ना, बड़े चालाक होते हैं। ये जानते हैं कि सामने वाला जल्दी से जल्दी पॉइंट जीतना चाहेगा। इसलिए वो गलती करने पर मजबूर हो जाता है। और बस, पुशर आराम से पॉइंट बटोर लेता है।

मैंने सुना है कि पुशर लोग ना, एकदम कंसिस्टेंट होते हैं। मतलब, हर बार गेंद को कोर्ट के अंदर ही मारेंगे। ज्यादा ऊँची-नीची नहीं मारेंगे। और ना ही ज्यादा साइड में मारेंगे। एकदम बीच-बीच में टपकाते रहेंगे।
और हाँ, ये पुशर लोग ना, बड़े मेंटली टफ होते हैं। मतलब, हार नहीं मानते। चाहे कितना भी पीछे चल रहे हों, ये लड़ते रहते हैं। और सामने वाले को थका-थका कर हरा देते हैं।
टेनिस के बड़े-बड़े टूर्नामेंट होते हैं, सुना है मैंने। ग्रैंड स्लैम-वैंड स्लैम कहते हैं। वहाँ तो बड़े-बड़े धुरंधर खिलाड़ी आते हैं। लेकिन ये पुशर लोग ना, वहाँ भी पहुँच जाते हैं। और कभी-कभी तो बड़े-बड़ों को भी हरा देते हैं।
अब ये पुशर अच्छा है या बुरा, ये तो मैं का जानूँ। लेकिन इतना जरूर कहूँगी कि ये बड़ा दिमाग वाला खेल है। जोर-जबरदस्ती से नहीं, बल्कि दिमाग से जीतने वाला खेल।
सुना है, टेनिस में ना अलग-अलग तरह के शॉट होते हैं। जैसे ऐस, एप्रोच शॉट, स्मैश… लेकिन ये पुशर लोग ना, ज्यादा फैंसी शॉट नहीं मारते। ये तो बस टप-टप, टप-टप करते रहते हैं। और इसी टप-टप से सामने वाले का दिमाग खराब कर देते हैं।
मैंने तो कभी टेनिस खेला नहीं, पर देखा बहुत है। टीवी पर कभी-कभी देखती हूँ। और सच कहूँ तो, ये पुशर लोगों का खेल मुझे थोड़ा बोरिंग लगता है। लेकिन जीतते तो ये भी हैं ना। तो मतलब कुछ तो बात होगी इनके खेल में।

इंडिया में भी टेनिस खेला जाता है, सुना है मैंने। पर यहाँ क्रिकेट ज्यादा पॉपुलर है। सब लोग क्रिकेट-व्रिकेट देखते रहते हैं। लेकिन टेनिस भी अच्छा खेल है, ऐसा लोग कहते हैं।
तो कुल मिलाकर बात ये है कि ये पुशर वो खिलाड़ी होता है जो धीरे-धीरे, आराम-आराम से खेलता है। ज्यादा जोर नहीं लगाता, ज्यादा रिस्क नहीं लेता। बस सामने वाले को थका कर गलती करने पर मजबूर कर देता है। और फिर आराम से पॉइंट जीत लेता है। ये है टेनिस का पुशर। समझ गए ना?
और हां, सुनो, मैंने सुना है कि टेनिस में पॉइंट दो तरह से मिलते हैं। सेट पॉइंट और मैच पॉइंट। अब ये का होता है, ये तो मैं का जानूं। पर इतना पता है कि पॉइंट-वॉइंट जीतोगे तभी तो मैच जीतोगे ना। और ये पुशर लोग भी पॉइंट जीतने में माहिर होते हैं।