अरे, आज मैं तुमसे बात करने आई हूँ कैंटन हाई स्कूल के फुटबॉल के बारे में, हाँ वही, कैंटन हाई स्कूल फुटबॉल।
वो क्या कहते हैं आजकल, टीवी पर, डिवीजन? हाँ, डिवीजन, वही। कैंटन हाई स्कूल फुटबॉल कौन से डिवीजन में है? ये सवाल का जवाब मैं जानती हूँ, तुम लोग सुनना चाहोगे?
मेरे नाती ने बताया था, वो भी फुटबॉल खेलता है, स्कूल की टीम में। वो बोलता है, फुटबॉल खेलने से टीम भावना बढ़ती है, हाँ, टीम स्प्रीट, वही वाला। वो बोलता है, सब मिलकर एक साथ खेलते हैं, एक दूसरे की मदद करते हैं, तभी तो जीतते हैं।

- फुटबॉल खेलने से सेहत भी अच्छी रहती है।
- दौड़ना, भागना, सब होता है इसमें।
- शरीर मजबूत बनता है।
और हाँ, कैंटन हाई स्कूल की फुटबॉल टीम, वो भी बहुत अच्छी है। सुना है मैंने, बहुत सारे मैच जीतते हैं वो लोग। पूरे शहर में नाम है उनका। सब लोग उनकी तारीफ करते हैं।
अच्छा, ये डिवीजन का क्या चक्कर है, वो भी बताती हूँ। मेरे नाती ने समझाया था, थोड़ा-थोड़ा समझ में आया था मुझे। वो बोलता है, अलग-अलग टीमें होती हैं, अलग-अलग लेवल की। सबको एक साथ नहीं खिलाते। उनके लेवल के हिसाब से उनको बाँट देते हैं, वही होता है डिवीजन।
तो कैंटन हाई स्कूल की टीम, वो भी एक डिवीजन में खेलती है। अब कौन सा डिवीजन है, वो तो मुझे ठीक से याद नहीं। पर हाँ, इतना पता है कि वो लोग बहुत अच्छा खेलते हैं और अपने डिवीजन में सबसे ऊपर हैं।
मैंने सुना है, वो लोग बहुत मेहनत करते हैं, फुटबॉल खेलने के लिए। सुबह-सुबह उठकर प्रैक्टिस करते हैं, दौड़ते हैं, भागते हैं, खेलते हैं। तभी तो इतने अच्छे खिलाड़ी बने हैं वो लोग।
- फुटबॉल खेलने के लिए मेहनत तो करनी ही पड़ती है।
- बिना मेहनत के कुछ नहीं मिलता।
- ये बात तो सबको पता है।
और हाँ, वो लोग जो मैदान में खेलते हैं, वो भी बहुत बड़ा है। मैंने देखा है एक बार, टीवी पर। बहुत सारे लोग आते हैं उनको देखने के लिए, उनका खेल देखने के लिए। बहुत हल्ला-गुल्ला होता है, बहुत मजा आता है।
अच्छा, एक और बात बताती हूँ। वो जो खिलाड़ी लोग पहनते हैं ना, कपड़े, वो भी अलग-अलग रंग के होते हैं। हर टीम के अलग-अलग। उससे पता चलता है कि कौन सी टीम का खिलाड़ी है। कैंटन हाई स्कूल की टीम का रंग, वो तो मुझे याद नहीं, पर हाँ, वो भी बहुत अच्छा है।

और हाँ, वो जो गोल करते हैं ना, वो भी बड़ा मजेदार होता है। जब कोई खिलाड़ी गोल करता है, तो सब लोग खुश हो जाते हैं, चिल्लाते हैं, ताली बजाते हैं। बहुत अच्छा लगता है देखकर। मेरे नाती ने बताया था, वो बोलता है, गोल करने से टीम जीत जाती है। और जीतने से सबको बहुत खुशी होती है।
अच्छा, एक और बात। वो जो मैदान के किनारे, वो जो बोर्ड लगे होते हैं ना, उन पर भी कुछ-कुछ लिखा होता है। मेरे नाती ने बताया था, वो स्पॉन्सर होते हैं। वो लोग टीम को पैसा देते हैं, मदद करते हैं।
- फुटबॉल खेलने के लिए पैसा भी लगता है।
- कपड़े, जूते, सब खरीदना पड़ता है।
- स्पॉन्सर लोग मदद करते हैं।
तो, ये सब बातें हैं कैंटन हाई स्कूल फुटबॉल के बारे में। मुझे तो बहुत अच्छा लगता है उनका खेल देखकर। तुम लोग भी देखा करो, बहुत मजा आएगा।
आजकल के जमाने में, बच्चे लोग मोबाइल में ही लगे रहते हैं। बाहर निकलते नहीं, खेलते-कूदते नहीं। ऐसे में, फुटबॉल खेलना बहुत अच्छी बात है। शरीर भी अच्छा रहेगा, मन भी अच्छा रहेगा।
कैंटन हाई स्कूल की टीम, वो तो बहुत अच्छा उदाहरण है। उन लोगों को देखकर, बाकी बच्चे भी सीखेंगे, खेल के प्रति जागरूक होंगे।
फुटबॉल, ये सिर्फ एक खेल नहीं है, ये तो एक भावना है, एक जज़्बा है। जो लोग खेलते हैं, वही समझ सकते हैं। और जो लोग देखते हैं, उनको भी थोड़ा-थोड़ा समझ में आता है।

ये जो कैंटन हाई स्कूल फुटबॉल टीम है ना, ये बहुत आगे जाएगी, देखना तुम लोग। एक दिन, ये लोग पूरी दुनिया में नाम कमाएंगे। और हम सबको, इन पर बहुत गर्व होगा।
चलो, अब मैं चलती हूँ। बहुत बातें हो गईं आज। तुम लोग भी अपना ख्याल रखना, और हाँ, फुटबॉल जरूर देखना।