अरे, आज तो हम बात करेंगे PSG और Ajaccio के मैच के बारे में। अरे, वो जो फुटबॉल का खेल होता है ना, वही वाला। मैने सुना है कि इस खेल में खिलाड़ियों को रेटिंग भी मिलती है। तो चलो देखते हैं कि किसको कितनी रेटिंग मिली।
पहले तो ये समझ लो कि ये PSG और Ajaccio हैं कौन? ये दो टीमें हैं, जैसे अपने गाँव में कबड्डी की दो टीमें होती हैं ना, बस वैसे ही। और ये दोनों टीमें आपस में फुटबॉल खेलती हैं। अब इस खेल में जो अच्छा खेलता है, उसको ज्यादा रेटिंग मिलती है, और जो थोड़ा ढीला-ढाला खेलता है, उसको कम।
PSG के खिलाड़ियों की रेटिंग
- वो जो मेस्सी है ना, हाँ वही, जिसके बारे में सब बात करते हैं, उसको लोगों ने खूब खरी-खोटी सुनाई, पता नहीं क्यों। पर वो अच्छा खेलता है, ये तो सब मानते हैं। इस बार उसको अच्छी रेटिंग मिली है।
- एक और है, एम्बाप्पे, वो भी बड़ा तेज भागता है। अरे, जैसे अपने गाँव का रामू नहीं भागता था कुत्तों के पीछे, बस वैसा ही। उसको भी अच्छी रेटिंग मिली है।
- बाकी खिलाड़ियों का तो मुझे नाम भी याद नहीं, पर सबने ठीक-ठाक खेला। किसी को अच्छी रेटिंग मिली, किसी को कम।
मैंने सुना है कि PSG की टीम ने Ajaccio को 5-0 से हरा दिया। मतलब PSG ने पांच गोल किए और Ajaccio वाले एक भी नहीं कर पाए। अरे, ऐसा तो अपने गाँव के स्कूल की टीम भी नहीं हारती।

Ajaccio के खिलाड़ियों की रेटिंग
अब बात करते हैं Ajaccio के खिलाड़ियों की। अरे, उनके बारे में क्या कहें, बेचारे हार गए।
- उनका एक गोलकीपर था, बेंजामिन लेरॉय, उसने तो बहुत कोशिश की गोल बचाने की, पर बेचारा क्या करता, अकेले कितने गोल रोकता। उसको 6 की रेटिंग मिली। मतलब ठीक-ठाक ही समझो।
- बाकी खिलाड़ियों का तो मुझे नाम भी नहीं पता, और न ही उनकी रेटिंग का कुछ पता है। पर इतना समझ लो कि हारे हुए खिलाड़ियों को कौन अच्छी रेटिंग देता है।
ये जो मेस्सी है ना, वही जिसके बारे में सब बात करते हैं, सुना है वो पहले भी Ajaccio के खिलाफ खेला था। तब भी उसको अच्छी रेटिंग मिली थी। मतलब ये बंदा तो कमाल का खेलता है।
एक बात और, ये मैच ना, पिछले साल अक्टूबर में हुआ था। अरे, मुझे तो अब पता चला, तो सोचा तुम्हें भी बता दूँ।
मैच का नतीजा
मैच का नतीजा तो तुम्हें पता ही चल गया, PSG 5 – 0 Ajaccio । मतलब PSG जीत गई और Ajaccio हार गई। अरे, ऐसा तो होना ही था। PSG वाले बड़े खिलाड़ी हैं, और Ajaccio वाले तो उनके सामने बच्चे हैं।
मेस्सी और एम्बाप्पे, इन दोनों ने तो कमाल कर दिया। दोनों ने गोल किए और अपनी टीम को जिता दिया। अरे, इनकी तो जितनी तारीफ करो, कम है।
सुनो, ये रेटिंग-वेटिंग का चक्कर तो चलता रहता है। कोई जीतता है, कोई हारता है। खेल में तो ये सब होता ही रहता है। पर हमें तो बस खेल का मजा लेना चाहिए। बाकी ये रेटिंग तो बड़े लोगों के चोंचले हैं। हम तो बस इतना जानते हैं कि जो अच्छा खेलता है, वही जीतता है।

अब देखो, ये PSG वाले जीत गए, तो सब उनकी तारीफ कर रहे हैं। और Ajaccio वाले हार गए, तो कोई उनकी बात भी नहीं कर रहा। यही दुनिया का दस्तूर है।
चलो, अब बहुत हो गई बातें। मुझे तो घर का काम भी करना है। तुम लोग भी अपना-अपना काम करो। और हाँ, अगली बार फिर कोई मजेदार खबर मिलेगी, तो तुम्हें जरूर बताऊँगी।
ये जो फुटबॉल का खेल है ना, ये भी बड़ा अजीब है। लोग एक गेंद के पीछे भागते रहते हैं। और फिर उसको जाल में डालने की कोशिश करते हैं। अरे, इससे अच्छा तो हमारे गाँव में गिल्ली-डंडा खेल लो। कम से कम भागना तो कम पड़ेगा।
अच्छा, एक बात और बता दूँ। ये जो PSG और Ajaccio का मैच था ना, ये Ligue 1 नाम के किसी टूर्नामेंट में हुआ था। अब ये Ligue 1 क्या है, ये तो मुझे भी नहीं पता। पर इतना समझ लो कि ये कोई बड़ा टूर्नामेंट होगा, तभी तो इतने बड़े-बड़े खिलाड़ी खेल रहे थे।
बस, अब और क्या बताऊँ? मुझे लगता है कि मैंने तुम्हें सब कुछ बता दिया है। अब तुम लोग भी जाओ और अपना-अपना काम करो। और हाँ, याद रखना, खेल कोई भी हो, उसे खेल की भावना से ही खेलना चाहिए। जीत-हार तो लगी रहती है।